लखनऊ

50 फीसदी से ज्यादा असुरक्षित इंजेक्शन होते हैं इस्तेमाल, मरीजों के लिए घातक

12 अरब से ज्यादा इंजेक्शन प्रकाशित होते हैं, जिसमें से लगभग 90 प्रतिशत इलाज के लिए इस्तेमाल में आते हैं

लखनऊSep 21, 2018 / 02:34 pm

Mahendra Pratap

50 फीसदी से ज्यादा असुरक्षित इंजेक्शन होते हैं इस्तेमाल, मरीजों के लिए घातक

लखनऊ. इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली 50 फीसदी इंजेक्शन असुरक्षित होती हैं। 12 अरब से ज्यादा इंजेक्शन प्रकाशित होते हैं, जिसमें से लगभग 90 प्रतिशत इलाज के लिए इस्तेमाल में आते हैं। वहीं 70 फीसदी इंजेक्शन बिना जरूरत के लगाए जाते हैं। यह बात संजय गांधी पीजीआई में इंजेक्शन सेफ्टी पर आयोजित कार्यशाला में गैस्ट्रो इंट्रोलाजी विभाग के प्रो. राकेश अग्रवाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर चंद्रकांत लहरिया, परिवार स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के डॉ. राजेश और इन्क्लेन के डॉ. राकेश एन पिल्लई ने कही।
असुरक्षित इंजेक्शन से 80 से 160 लोग हेपेटाइटिस बी वायरस के शिकार

किसी भी बीमारी के इलाज के लिए पहले खाने वाली दवाओं के जरिये इलाज किया जाना चाहिए। असुरक्षित इंजेक्शन से रक्तचाप की बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी), हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) और मानव इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) का खतरा बना रहता है। असुरक्षित इंजेक्शन के कारण हर साल विश्व में 80 से 160 लोग हेपेटाइटिस बी वायरस व 23 से 47 लाख लोग हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित होते हैं। हेल्थकेयर श्रमिकों, सार्वजनिक शिक्षा और सिरिंज डिजाइन में सुधार के माध्यम से असुरक्षित इंजेक्शन को कम करना संभव है। प्रो. राकेश अग्रवाल ने बताया कि आरयूपी नाम के सिरिंज का उपयोग एचआईवी संक्रमण के संचरण को रोकने के लिए किया गया है। इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती है।
हाल ही में सरकार ने पुन: प्रयोज्य सिरिंज को समाप्त करने और आरयूपी सिरिंज उपयोग करने का निर्णय लिया है ताकी इस तरह की बीमारियों से बचा जा सके। इसके लिए आरयूपी सिरिंज का प्रोडक्शन भी कुछ सिरिंज मौन्युफैक्चर्स द्वारा शुरू कर दिया गया है।
इस तरह करें इंजेक्शन का सही इस्तेमाल

असुरक्षित इंजेक्शन के खतरे से बचने के लिए प्रो. राकेश ने बताया कि सही इंजेक्शन के इस्तेमाल के लिए डिसपोजेबल सिरिंज की पैकिंग चेक करें। पैंकिग की एक्सपाइरी डेट भी चेक करें व इसे खोलने के बाद तुरंत इस्तेमाल करें। अगर किसी दवा की एक सीसी से कई मरीजों को इंजेक्शन देना है, तो इसके लिए हर बार नई सिरिंज और इंजेक्शन का इस्तेमाल करें।
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