scriptनाईक कोई साहित्यकार नहीं हैं बल्कि एक ‘एक्सिडेंटल राइटर’ हैं | Naik is not a literary writer but an 'Accidental Writer' | Patrika News

नाईक कोई साहित्यकार नहीं हैं बल्कि एक ‘एक्सिडेंटल राइटर’ हैं

locationलखनऊPublished: Sep 22, 2018 07:58:01 pm

Submitted by:

Anil Ankur

राज्यपाल ने काव्य संग्रह ‘फिर फिर अधीर’ का लोकार्पण किया

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक अधिकारी इंदु प्रकाश ऐरन के सचित्र काव्य संग्रह ‘फिर फिर अधीर’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर नाईक ने कहा कि वे कोई साहित्यकार नहीं हैं बल्कि एक ‘एक्सिडेंटल राइटर’ हैं। अपने मराठी संस्मरण ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की चर्चा करते हुये राज्यपाल ने कहा कि पुस्तक के नाम पर उन्होंने केवल अपने संस्मरण ही लिखे हैं।
आईएएस की नौकरी अत्यन्त व्यस्त सेवा
राज्यपाल ने लोकार्पण के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि ‘आश्चर्य लगता है कि आईएएस की नौकरी अत्यन्त व्यस्त सेवा है जिसमें 10 से 5 की कोई समय सीमा नहीं होती। इन्दु प्रकाश ऐरन ने अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया भी और साहित्य को भी समृद्ध किया। वे एक कुशल प्रशासक रहे तथा उसके साथ-साथ साहित्यकार, कुशल चित्रकार, कला प्रेमी तथा संवेदनशील कवि भी हैं। इतनी व्यस्तता के बावजूद लिखने का समय कैसे मिलता है, वास्तव में ऐरन अनेक गुणों का मिश्रण हैं।’ पुस्तक का नाम भले ही ‘फिर फिर अधीर’ हो, पर उनकी कविता में धीरता है और पढ़ने पर कविता की गहराई का पता चलता है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 ऐरन ने साहित्य साधना से साहित्य को और समृद्ध किया है।
नाईक कोई साहित्यकार नहीं हैं बल्कि एक ‘एक्सिडेंटल राइटर’ हैं

नाईक ने कहा कि वे कोई साहित्यकार नहीं हैं बल्कि एक ‘एक्सिडेंटल राइटर’ हैं। अपने मराठी संस्मरण ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की चर्चा करते हुये राज्यपाल ने कहा कि पुस्तक के नाम पर उन्होंने केवल अपने संस्मरण ही लिखे हैं। ‘चरैवति! चरैवेति!!’ श्लोक में कहा गया है कि जो बैठ जाता है उसका भाग्य भी बैठ जाता है, जो सोया रहता है उसका भाग्य भी सो जाता है, जो चलता रहता है उसका भाग्य भी चलता है। सूरज इसलिए जगत वंदनीय है क्योंकि वह निरन्तर चलायमान है। राज्यपाल ने अपने बचपन के दिनों में बनायी गयी चित्रकारी के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति क्रियाशील रहता है उसी को सफलता प्राप्त होती है।
काव्य संग्रह ‘फिर फिर अधीर’ की सराहना

मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि वे इंदु प्रकाश ऐरन को 10-15 साल से जानती हैं। वे एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। अपनी कविताओं और चित्रकारी के माध्यम से उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के दुःख तथा पर्यावरण की चिन्ता को प्रस्तुत किया है। उन्होंने काव्य संग्रह ‘फिर फिर अधीर’ की सराहना करते हुये कहा कि यह एक सुंदर कृति है। इस अवसर पर विद्या बिन्दु सिंह एवं मोनिका सक्सेना ने पुस्तक की समीक्षा अपने-अपने अंदाज में प्रस्तुत की। पुस्तक के लेखक इंदु प्रकाश ऐरन ने भी अपनी बात रखी।
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