script6 साल 11808 एनकाउंटर, 194 अपराधियों और 16 पुलिसकर्मियों की मौत, चौंका रहे यूपी के आंकड़े | 11808 encounters in 6 years in UP 194 criminals and 16 policemen died | Patrika News
लखनऊ

6 साल 11808 एनकाउंटर, 194 अपराधियों और 16 पुलिसकर्मियों की मौत, चौंका रहे यूपी के आंकड़े

UP Encounter: यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से अब तक करीब छह सालों में 11 हजार 808 मुठभेड़ की घटनाएं सामने आई हैं। इसमें अब तक 194 अपराधी मारे गए। जबकि 16 पुलिसकर्मियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। आइए जानते हैं डिटेल…

लखनऊDec 12, 2023 / 07:49 am

Vishnu Bajpai

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Encounter in UP: उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक एनकाउंटर का आंकड़ा चौंकाने वाला है। साल 2017 से अब तक यानी छह सालों में करीब 11808 एनकाउंटर पुलिस ने किए। इसमें 194 अपराधियों की मौके पर मौत हो गई। जबकि इन एनकाउंटर के दौरान 16 पुलिसकर्मियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। यूपी पुलिस की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, एनकाउंटर में सबसे ज्यादा मौतें साल 2018 में हुईं। इस दौरान 41 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। वहीं बीते छह सालों में 5896 आरोपियों के पैर में गोली लगने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। वहीं एनकाउंटर के दौरान 1501 पुलिसकर्मी भी क्रॉस फायरिंग में घायल हुए।
मार्च 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर का जो दौर शुरू हुआ। वह अभी तक थमा नहीं है। इस दौरान कई बार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने समेत कई बड़े मंत्रियों ने एनकाउंटर के हवाले से कथित तौर पर सुधरी कानून व्यवस्था को चुनावी मंच से अपनी उपलब्धि बताया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद रोजाना औसतन पांच एनकाउंटर हो रहे हैं। इस दौरान एनकाउंटर में सबसे ज्यादा 41 मौतें साल 2018 में हुईं। जबकि मौतों की सबसे कम संख्या साल 2022 में थी। जब पुलिस मुठभेड़ में 14 अपराधी मारे गए।

यूपी पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल दिसंबर तक पुलिस मुठभेड़ में 26 आरोपियों की मौत हो चुकी है। वहीं पिछले छह सालों में किए गए एनकाउंटर में हर साल औसतन 27 मौतें हुई हैं। इस दौरान कई मौके ऐसे भी आए। जब बदमाशों ने पुलिस को खुले तौर पर चुनौती दे दी। इसमें सबसे ज्यादा खौफनाक कानपुर का बिकरू कांड रहा। जहां माफिया विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में एक डीएसपी समेत 8 पुलिसवालों की मौत हो गई थी। हालांकि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने विकास दुबे के छह साथियों को मार गिराया।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस की ओर से 7 दिसंबर 2023 तक आंकड़े जारी किए गए हैं। इनके तहत सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ जोन में हुए हैं। इसमें मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर बिजनौर और बागपत जिले हैं। यहां पिछले छह सालों में 3428 एनकाउंटर हुए। जिसमें सबसे ज्यादा 64 अपराधी मारे गए। वहीं दूसरे नंबर पर वाराणसी है। यहां जोन और कमिश्नरी मिलकर पिछले छह साल में 27 अपराधी मारे गए।
तीसरे नंबर पर आगरा है। यहां जोन और कमिश्नरी मिलाकर इतने ही समय में 21 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए। इस दौरान एडिशनल डायरेक्टर जनरल अमिताभ यश के नेतृत्व में एसटीएफ की टीमों ने पूरे प्रदेश में कई एनकाउंटर किए। बिकरू कांड से चर्चा में आए विकास दुबे, माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद, गैंगस्टर अनिल दुजाना और राशिद कालिया के एनकाउंटर से एसटीएफ हमेशा पर चर्चा में रही।
https://youtu.be/0N6K-c-C17c

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