पिता की मौत के बाद घर की जिम्मेदारी निभा रही थी ये होनहार बेटी, बस हादसे में दोबारा अनाथ हुआ परिवार
रुचि शर्माकिसे खबर थी कि ये वाकिआ भी होना था, कि खेल-खेल में इक हादसा भी होना था..लखनऊ. दुर्घटना से हर कोई डरता है.. पर कोई भी हादसा निश्चत नहीं होती हैं, कब, कहां, कैसे, किस रूप में हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इंसान एेसी परिस्थियों का सामना करने के लिए कभी तैयार नहीं होता। लेकिन सच यह भी है कि इंसान रोने के डर से कभी हंसना बंद नहीं करता, कल मर जाना है, यह सोचकर कोई आज में जीना नहीं छोड़ता। एेसा ही एक हादसे ने बेटी से पिता का साया, मां से बच्चे का साया अौर पति से पत्नि के साया छीन लिया। 10 साल की इश्मत जब होश में आई तो रोते हुए दादा को देख बोली- पापा को चोट ही तो लगी है। शाम तक वापिस घर आ जाएंगे। बेटी पिता के मौत से अनजान है। २२ साल की अरीवा जिसने अभी दुनिया भी सही से नहीं देखी, पिता की मौत के बाद अरीवा ही परिवार का एकमात्र सहारा थी। एक बेटी पिता का पूरा किरदार निभा रही थी। पर उसकी मौत की खबर ने सबको रुला दिया। मां बार-बार एक ही बात कह रही हैं, बेटी ने मौत का सरप्राइज क्यों दिया?
लखनऊ के रकाबगंज स्थित गौस नगर निवासी 22 साल की अरीवा की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों ने बताया कि अरीवा ने उन्नाव के कॉलेज से पीजीडीएम का कोर्स किया था। उनके पिता नसीम खान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। अरीवा उनकी बड़ी बेटी थी, जबकि जुड़वां बेटी अनम, नमीरा और बेटा तोहीत है। मां ने अपनी जमा-पूंजी से अरीवा की पढ़ाई पूरी कराई। अभी 6 महीने पहले कॉलेज से प्लेसमेंट के बाद उसकी नौकरी लगी थी। अरीवा ने मां से वादा किया था कि अब वो परिवार को किसी तरह की कमी नहीं होने देगी। पर अरीवा ये वादा पूरा करने से पहले ही दूर किसी अलग दुनिया में चली गई। एेसी ही अविनाश बैंक में पीअो थे नए घर की पार्टी देने के बाद दिल्ली जा रहे थे। दिंसबर में शादी होनी थी। मौत की खबर ने मंगेतर सहित परिवार को बेसुध कर दिया।
लखनऊ के 13 घरों के बुझे चिराग यमुना एक्सप्रेस वे पर बस चालक के झपकी आने पर ४० फीट नीचे झरना नाले में जनरथ बस गिरने की किसी दुर्घटना में इतने लोगों की मौत हो जाना निश्चित तौर पर सबको चौकाता है। हादसे में 29 लोगों की मौत, 27 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों ने बताया कि बस की रफ्तार 120 किलोमीचर प्रति घंटा थी। ज्यादातर यात्रियों की मौत सिर पर चोट लगने अौर पानी में डूबने की वजह से हुई है। इस हादसे में राजधानी के 13 परिवारों की खुशियां छीन लीं। इन सभी परिवारों ने किसी न किसी अपने को खो दिया। हादसे की सूचना मिलते ही गोमतीनगर, चिनहट, काकोरी, कैसरबाग, इंदिरानगर, अौर मड़ियांव, रकाबंगज, कैंट, सरोजनीनगर में मृतकों के घर में कोहराम मच गया।