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जहरीले सर्पों से खेलती है यह ‘विषकन्या’, 24 घंटे रहती है छह सांपों के साथ

locationलखनऊPublished: Sep 22, 2020 02:00:11 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

कानपुर की घाटमपुर निवासी नाजनीन उर्फ काजल (13) पिछले 7 वर्षों से कोबारा प्रजाति के 6 सांपों के साथ रहती है, काजल के पिता बताते हैं कि जब वह 6 साल की थी, तब दो कोबरा सर्प एकाएक उसकी गर्दन में लटक गए

जहरीले सर्पों से खेलती है यह 'विषकन्या', 24 घंटे रहती है छह सांपों के साथ

जहरीले सर्पों से खेलती है यह ‘विषकन्या’, 24 घंटे रहती है छह सांपों के साथ

कानपुर. जहरीले सर्प किंग कोबरा का डसा हुआ व्यक्ति जिंदा नहीं रह पाता है। कोबारा एक बार में कम से कम 40 लोगों की जान ले सकता है। लेकिन इस जहरीले जीव के साथ पिछले 7 वर्षों से घाटमपुर (दोआब) की एक किशोरी 24 घंटे रहती है। वह इनसे बेइंतहा मोहबत करती है और इनके साथ खेलने के साथ ही चारपाई पर सोती भी है। इसी के चलते आसपास के गांव के ग्रामीणों ने किशोरी का नाम विषकन्या रखा हुआ है।

 

7 सालों से कोबरा के साथ

शहर से 45 किमी की दूरी पर स्थित घाटमपुर निवासी नाजनीन उर्फ काजल (13) पिछले 7 वर्षों से कोबारा प्रजाति के 6 सांपों के साथ रहती है। काजल के कोबरा सर्प के प्रेम के कारण उसके चर्चे पूरे क्षेत्र में हैं। काजल के पिता बताते हैं कि जब वह 6 साल की थी, तब दो कोबरा सर्प एकाएक उसकी गर्दन में लटक गए। हमलोगों ने भगाने का प्रयास किया पर कोबरा टस से मस नहीं हुए। हमने सपेरे को बुलाया और दोनों कोबरा प्रजाति के सांपों को उन्हें सौंप दिया। पर अगले दिन दोनों कोबरा सर्प सपेरे के पिंजड़े से भागकर काजल के पास आ गए और तभी से वह उसके साथ रहने लगे। इसी के बाद काजल का सांपों के प्रति प्रेम बढ़ने लगा।

 

6 कोबरा सर्प

काजल, कोबरा प्रजाति के 6 के सांपों के साथ 24 घंटे रहती है, पिछले 7 वर्षों से उन्ही के साथ खेलती, खाती, सोती और रोजाना दूध पिलाती है। काजल के सर्प प्रेम से उसके परिजन खासे परेशान है। काजल के पिता ने बताया कि कईबार सपेरों को बुलाकर सर्प को उन्हें सौंप दिया। लेकिन अगले दिन कोबरा फिर से काजल को मिल जाते हैं। इतना ही नहीं काजल के साथ रहने वाले कोबरा, सपेरों को चकमा देकर भागकर काजल के पास आ जाते हैं।

 

छोड़ दी पढ़ाई

काजल ने सांपों के चलते पढ़ाई छोड़ दी। वह सुबह जगकर सबसे पहले कोबरा समेत अन्य सर्प के साथ घर के बाहर बैठ जाती है। उन्हें खुले में छोड़ देती है। काजल भोजन के उपरान्त रोजाना किंग कोबरा के साथ गांव में खेलने के लिए निकल जाती है। काजल बताती है कि कोबरा समेत सभी सांपों के जहरीले दांत हैं और उन्होंने न तो उसे और न ही किसी ग्रामीण को डंसा है।

 

बाबा थे सपेरे

घाटमपुर में अपने माता-पिता के साथ रह रही काजोल के दो भाई और छह बहनें हैं। काजल ने बताया कि उसके बाबा सपेरे थे। बाबा के निधन के बाद पिता ने सपेरे के कार्य के बजाए मजदूरी को अपनी रोटी का हथियार बना लिया। बाबा के पाले सर्प घर पर रहते थे। कोबरा से मैंने दोस्ती कर ली। कोबरा सांप मेरी रखवाली करते हैं। काजल की मां कहती हैं कि हमने बेटी को स्कूल भेजने का कोशिश, लेकिन उसने तो अनपढ़ ही रहने का जैसे हठ कर रखा है। रोजाना उसके दिन की शुरुआत ही किंग कोबरा ग्रुप के साथ होती है।
तोड़ देते हैं दांत

काजोल कहती है कि लोग सांपों से डरते क्यों हैं, ये तो अच्छे दोस्त हो सकते हैं। सर्प-विशेषज्ञ रामकिशोर बताते हैं कि सिर्फ स्पर्श से सांपों को अहसास हो जाता है कि उनको पकड़ने वाला दुश्मन नहीं, दोस्त है। वे ज्यादातर सांप पहाड़ी इलाकों से पकड़ कर लाते हैं और उनके जहरीले दांत तोड़ देते हैं। रही बात काजल के कोबरा सांपों की तो उनके भी जहरीले दांत सौ फीसदी तोड़े गए होंगे। वन विभाग टीम को मौके पर जाना चाहिए।

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