ये भी पढ़ें: भीषण गर्मी के चलते लखनऊ के सभी स्कूल इस तारीख तक रहेंगे बंद छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए लिया फैसला मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह फैसला लिया है ताकी इससे लड़कियों का मनोबल और प्रतिनिधित्व बढ़ सके। पिछले साल 8 फीसदी छात्राओं को प्रवेश मिला था। इस बार यह प्रवेश बढ़ाने की कोशिश है।
ये भी पढ़ें: सीबीआई ने PCS-2015 में चयनित टॉप-20 अफसरों का किया दिल्ली तलब 6 फीसदी सीटें होंगी सृजित लड़कियों का कोटा बढ़ाने के लिए 6% तक सीटें सृजित की जाएंगी। लेकिन ऐसा करने के लिए इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि इससे लड़कों की सीट में कोई कमी न आए। शुरू किए गए कोर्स में 14% सीटें फीमेल ओनली पूल श्रेणी में रखी जाएंगी। आईआईटी को यह व्यवस्था करनी है कि दोनों पूल में लड़कियों की संख्या 14 फीसदी तक पहुंच ही जाए।
छात्राओं की कम संख्या को कंट्रोल करने के लिए लिया गया फैसला जेईई एडवांस्ड में टॉप रैंक हासिल करने वाले स्टूडेंट्स का दाखिला आईआईटी में होता है। जेईई एडवांस्ड की परीक्षा 20 मई को हुई थी। आईआईटी में छात्राओं की कम संख्या को बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। जईई एडवांस्ड को इस साल कानपुर ने आयोजित किया था। जेईई एडवांस्ड के चेयरमैन प्रो. शलभ के मुताबिक कोशिश यही है कि 14 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए रिजर्व की जाएं। लड़कियों की संख्या कम होने पर हर संस्थान सुपर न्यूमरिक के तहत उती सीटें क्रिएट कर दाखिला लेगा।