लखनऊ

Shardiya Navratri Special : नवरात्रि कलश स्थापना में ‘जौ’ की करे देखभाल,नहीं तो खराब हो सकता हैं साल

( Shardiya Navratri) जानिए नवरात्री में जौ की महिमा ,जानिए अपनी किस्मत

लखनऊOct 09, 2020 / 07:14 pm

Ritesh Singh

Shardiya Navratri Special : नवरात्रि कलश स्थापना में ‘जौ’ की करे देखभाल,नहीं तो खराब हो सकता हैं साल 

लखनऊ , ( Shardiya Navratri) माँ के रूप की पूजा के अलग अलग विधा हैं लेकिन नवरात्र में माता की अलग ही महीना और शक्ति के दर्शन होते हैं। पंडित पांडेय बाबा ने बतायाकि ( Shardiya Navratri) नवरात्र के प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ ‘जौ’ ( जिसे खेत्री भी कहते हैं ) बोई जाती है। अष्टमी अथवा नवमी को उसका विसर्जन कर दिया जाता है। कुछ लोग इसे मंदिर में पीपल अथवा बरगद की छाया में भी रख देते हैं। उन्होंने कहाकि बोए गए जौ जीवन में सुख और शांति के प्रतीक होते हैं क्योंकि देवियों के नौ रूपों में एक मां अन्नपूर्णा का रूप भी होता है। ‘जौ’ का हरा-भरा होना इस बात का प्रतीक है कि आपका जीवन भी हरा-भरा रहेगा और साथ ही मां दुर्गा की कृपा भी बनी रहेगी ।
( Shardiya Navratri) ‘जौ’ बोने के साथ ही पता चलता हैं कैसा रहेगा आने वाला समय

पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि ( Navratri) नवरात्री के पहले दिन ही कलश की स्थापना की जाती है। पूजा के बाद उसमें जौ बो दिया जाता है। ( Shardiya Navratri) साधारण तौर से 2-3 दिन में ही बोया गया जौ अंकुरित होने लगता हैं लेकिन अगर इसमें समय लग रहा है तो इसे एक संकेत के तौर पर देखा जाता है। इस संकेत का यह अर्थ है कि आने वाले समय में आपको काफी मेहनत करनी पड़ेगी। उसके बाद ही आपको मेहनत का फल प्राप्त होगा।
( Navratri ) जौ का देर से जमना देता हैं बुरा संकेत

> पंडित पांडेय बाबा ने बतायाकि अगर जमे हुए जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा है तो इसका मतलब यह है कि आपके आने वाले साल का आधा समय ठीक नहीं रहेगा। लेकिन बाद में सब ठीक हो जायेगा।
> उन्होंने बतायाकि ठीक इसके उलट अगर जौ नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला तो इसका मतलब यह है कि आपके साल का शुरूआती समय ठीक से बीतेगा। लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
> ( Navratri ) अगर आपका बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा अगर होता है तो यह मान लिया जाता है कि माता रानी कि की गयी पूजा सफल हो गयी हैं और आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा होगा।
( Navratri ) विसर्जन से पहले करें पूजन

पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि विसर्जन करने से पहले माता रानी के स्वरूप तथा जवारों का विधिपूर्वक पूजन करें। कहाकि विधि-विधान से पूजन किए जानें से अधिक मां दुर्गा भावों से पूजन किए जाने पर अधिक प्रसन्न होती हैं। ( Navratri ) बतायाकि अगर आप मंत्रों से अनजान हैं तो केवल पूजन करते समय दुर्गा सप्तशती में दिए गए नवार्ण मंत्र से समस्त पूजन सामग्री अर्पित करें। मां शक्ति का यह मंत्र समर्थ है। (Shardiya Navratri ) अपनी सामर्थ्य के अनुसार ही पूजन सामग्री लाएं और प्रेम भाव से पूजन करें। ( Navratri ) उन्होंने बतायाकि अगर संभव हो तो श्रृंगार का सामान, नारियल और चुनरी जरूर अर्पित करें। पूजन समाप्ति के उपरांत अंजली में चावल एवं पुष्प लेकर जौ का पूजन निम्न मंत्र के साथ करें। उसके बाद ‘जौ’ का विसर्जन कर दें। (Shardiya Navratri ) नवरात्र के नौ दिनों में खेत्री में समाई नवदुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त होगा।
मंत्र
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

जप नवार्ण मंत्र का

‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’

( Shardiya Navratri Special) मां दुर्गा से करें प्रार्थना

पंडित पांडेय बाबा ने बतायाकि कलश के अंकुरित जौ के अशुभ संकेत होने पर मां दुर्गा से अपने कष्टों और परेशानियों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें। नवरात्रि की दसवीं तिथि को नवग्रह के नाम से 108 बार हवन में आहुति दें। उन्होंने कहाकि इसके बाद मां के बीज मन्त्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः” का 1008 बार जाप करते हुए हवन करें। हवन खत्म होने के पश्चात् मां की आरती करें और हवन के भभूत (विभूति) को रख लें। भभूत (विभूति) से आप प्रतिदिन तिलक लगाएं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.