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धूल फांक रही भाजपा की ही 170 करोड़ रुपए की परियोजना, मंत्री सुरेश खन्ना ने 2018 में रखी थी इसकी नींव

locationलखनऊPublished: Jun 27, 2020 09:06:05 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– 170 करोड़ रुपए के राजनीतिक प्रशिक्षण स्कूल बनाने की थी योजना- 2018 में हार्वर्ड और कैम्ब्रिज की तर्ज प्रशिक्षण स्कूल की रखी गई थी नींव- ग्राम प्रधान से लेकर सांसद-मंत्रियों को इसमें दिया जाना था राजनीतिक प्रशिक्षण- मंत्री सुरेश खन्ना ने कई राज्यों के बड़े नेताओं से भी किया था विचार वमर्श

Suresh Khanna

Suresh Khanna

लखनऊ: यूपी के वित्त, संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) का राजनीतिक प्रशिक्षण स्कूल बनाने का सपना केवल सपना बन कर ही रह गया है। इस स्कूल में ग्राम प्रधान (Gram Pradhan) से लेकर सांसद और मंत्रियों जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग दी जानी थी। 2018 में सुरेश खन्ना ने हार्वर्ड और कैम्ब्रिज की तर्ज पर 170 करोड़ रुपए की लागत से एक प्रशिक्षण संस्थान विकसित करने की योजना बनाई थी। इसमें चुने हुए प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें नए-नए मुद्दों और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कानूनों से परिचित कराया जाना था। स्कूल की नींव तो 23 दिसंबर 2018 को रख दी गई थी, लेकिन 18 माह बाद भी इसमें एक भी ईंट नहीं लगाई जा सकी है।
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धूल फांक रही परियोजना-
वित्त मंत्रालय के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि 170 करोड़ रुपये की परियोजना धूल फांक रही है क्योंकि फंड में कुछ भी नहीं डाला गया है। कई निजी विश्वविद्यालय छात्रों को तैयार करने के साथ उन्हें डिग्री और डिप्लोमा जैसे कोर्सेस प्रदान कर रहे हैं। वे छात्रों को कैंपस और ऑफ-कैंपस कोर्स के साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय असाइनमेंट भी दे रहे हैं। लेकिन सुरेश खन्ना का मानना था कि यह राजनीतिक प्रशिक्षण स्कूल, हार्वर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों की तरह ग्राम प्रधान से लेकर सांसद और मंत्रियों जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। स्कूल में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ होंगे। सुरेश खन्ना ने खुद बड़े पैमाने पर यूपी और अन्य राज्यों के बड़े नेताओं के साथ बातचीत की व अपने सपनों की परियोजना को आकार देने के लिए उनसे विचार विमर्श किया था।
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2019 में आईआईएम लखनऊ में दी जा रही थी ट्रेनिंग-

सितंबर, 2019 में तीन चरणों में सीएम योगी समेत मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्रियों ने आईआईएम लखनऊ के वरिष्ठ शिक्षकों से मैनेजमेंट के गुर सीखे। प्रोग्राम का उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास और सुशासन का रोडमैप तैयार करना है और एक टीम के रूप में उसे जमीन पर उतारना था। मंत्रियों से सचिव भी इसमें शामिल हुए थे। सुरेश खन्ना का ड्रीम प्रोजेक्ट उसी तर्ज पर था और आर्थिक रूप से सस्ता भी था। साथ ही इस बात की पूरी संभावना थी कि दूसरे राज्यों की सरकारें भी अपने मंत्रियों व सांसदों को तैयार करने में यहां की सेवाएं लेंगी।
भाजपा अपने खुद के ड्रीम प्रोजेक्ट को धराशायी कर रही है- कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि हमने देखा है कि सत्ता परिवर्तन ने प्राथमिकताओं में बदलाव किया है और पिछली सरकारों के कार्यक्रमों को ठंडे बस्ते में डाला है, लेकिन यह एकमात्र सरकार है जो अपने स्वयं के ड्रीम प्रोजेक्ट को धराशायी कर रही है।
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