ये भी पढ़ें- UP Board Result 2020: महोबा ने लड़कियों ने फिर मारी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में बाजी धूल फांक रही परियोजना-वित्त मंत्रालय के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि 170 करोड़ रुपये की परियोजना धूल फांक रही है क्योंकि फंड में कुछ भी नहीं डाला गया है। कई निजी विश्वविद्यालय छात्रों को तैयार करने के साथ उन्हें डिग्री और डिप्लोमा जैसे कोर्सेस प्रदान कर रहे हैं। वे छात्रों को कैंपस और ऑफ-कैंपस कोर्स के साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय असाइनमेंट भी दे रहे हैं। लेकिन सुरेश खन्ना का मानना था कि यह राजनीतिक प्रशिक्षण स्कूल, हार्वर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों की तरह ग्राम प्रधान से लेकर सांसद और मंत्रियों जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। स्कूल में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ होंगे। सुरेश खन्ना ने खुद बड़े पैमाने पर यूपी और अन्य राज्यों के बड़े नेताओं के साथ बातचीत की व अपने सपनों की परियोजना को आकार देने के लिए उनसे विचार विमर्श किया था।
ये भी पढ़ें- सहकारी बैंक डायरेक्टर पद चुनावः भाजपा की जीत तय, 35 वर्षों से काबिज सपा नहीं कर पाई नामांकन 2019 में आईआईएम लखनऊ में दी जा रही थी ट्रेनिंग- सितंबर, 2019 में तीन चरणों में सीएम योगी समेत मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्रियों ने आईआईएम लखनऊ के वरिष्ठ शिक्षकों से मैनेजमेंट के गुर सीखे। प्रोग्राम का उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास और सुशासन का रोडमैप तैयार करना है और एक टीम के रूप में उसे जमीन पर उतारना था। मंत्रियों से सचिव भी इसमें शामिल हुए थे। सुरेश खन्ना का ड्रीम प्रोजेक्ट उसी तर्ज पर था और आर्थिक रूप से सस्ता भी था। साथ ही इस बात की पूरी संभावना थी कि दूसरे राज्यों की सरकारें भी अपने मंत्रियों व सांसदों को तैयार करने में यहां की सेवाएं लेंगी।
भाजपा अपने खुद के ड्रीम प्रोजेक्ट को धराशायी कर रही है- कांग्रेस कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि हमने देखा है कि सत्ता परिवर्तन ने प्राथमिकताओं में बदलाव किया है और पिछली सरकारों के कार्यक्रमों को ठंडे बस्ते में डाला है, लेकिन यह एकमात्र सरकार है जो अपने स्वयं के ड्रीम प्रोजेक्ट को धराशायी कर रही है।