मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस ट्रेन की पहली तस्वीर साझा की। ट्रेन में दो कोच तैयार हैं। मार्च तक आठ और कोच तैयार हो जाएंगे। जिसमें दो कोच उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को देने की तैयारी है। जिससे अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी के दर्शनीय स्थलों को पर्यटकों को दिखाया जा सके। ट्रेन में एक विस्टाडोम कोच लगाए जाएंगे।
जानें ट्रेन की खासियत विस्टाडोम कोच में बड़े-बड़े ग्लास लगाए गए हैं, जिससे कि सफर के दौरान प्रकृति का सुंदर नजारा देखना और भी सुगम हो जाएगा। एक कोच में 44 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पर्यटकों के आरामदायक सफर के लिए एयर स्प्रिंग सस्पेंशन लगाया गया है। इन सबके अलावा आसमान का नजारा भी यात्री ले सकेंगे। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रित वाली कांच की रूफ टॉप होगी। लंबी खिड़की वाला लाउंज भी हर कोच में होगा। कोच की सभी 44 चेयरकार सीटें 180 डिग्री तक सभी दिशाओं में घूम सकती हैं। हर सीट में नीचे की ओर चार्जिंग प्वाइंट, संगीत सुनने वालों के लिए डिजिटल स्क्रीन और साउंड और वाई फाई भी मिलेगा।
ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन भी उपलब्ध कोच में प्रवेश के समय दोनों ओर आटोमेटिक स्लाइडिंग वाले दरवाजे, दिव्यांगजन के लिए व्हील चेयर के साथ बड़ा गेट, जीपीएस वाले पब्लिक एड्रेस व पैसेंजर इंफारमेशन सिस्टम, स्टेनलेस स्टील से सामान को रखने वाला रैक, यात्रियों को नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए मिनी पैंट्री कार, हॉटकेस, माइक्रोवेव ओवन, कॉफी की मशीन, फ्रीज मिनी पैंट्री का हिस्सा होंगे। अलार्म वाला ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन सिस्टम भी होंगे।