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दो घंटे की तेज बारिश बनी आफत, सड़कें बनी तालाब

locationलखनऊPublished: Aug 23, 2018 08:56:27 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

बाढ़ ने कई गांवों में मचाई तबाही, हजारों लोग हुए बेघर, प्रशासन का दावा फेल, अन्न-पानी को तरस रहे हैं पीडि़त।
 

heavey rain

दो घंटे की तेज बारिश बनी आफत, सड़कें बनी तालाब

लखनऊ. राजधानी समेत कई जिलों में गुरुवार को दो घंटे तक भारी बारिश हुई। लखनऊ के अमीनाबाद, हजरतगंज, इंदिरानगर, अलीगंज समेत कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। गुरुवार को दिन में करीब दो घंटे तक लगातार तेज बारिश हुई। बाद में बारिश हल्की तो हुई लेकिन लगातार होती रही। वहीं बारिश से एक ओर जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली तो वहीं परेशानियां भी बढ़ गईं। जब बारिश रुकी तो सड़कों पर भारी जाम लग गया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान सड़कों पर भारी जाम लग गया।
उधर, पानी ने बाढ़ वाले इलाकों में और मुशीबत पैदा कर दी। बाढ़ ने गोंडा, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, बलरामपुर में तबाही मचा रखा है। बाढ़ से सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं तो वहीं कई लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार अगले ४८ घंटों में लखनऊ, सीतापुर, अयोध्या, फैजाबाद, सुल्तानपुर, रायबरेली, अंबेडकरनगर समेत कई जिलों में तेज बारिश होने के आसार हैं। गुरुवार को हुई बारिश फसलों के लिए अच्छी रही।
24 जिलों में बाढ़ ने मचाई तबाही

बाढ़ ने उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में तबाही मचा रखी है। राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक बाढ़ से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का सबसे अधिक असर गोंडा, बाराबंकी, बलरामपुर, बहराइच आदि जिलों में देखा जा रहा है। प्रदेश के अवध क्षेत्र में कहर ढा रहीं नदियां अब तक 67 से अधिक जिंदगियां लील चुकी हैं। बाढ़ से कई गांवों का वजूद मिट चुका है। घर, मवेशी भी सैलाब में बह गए। हालात इतने खराब हैं कि लोग घरों की छतों व छप्परों में दिन काट रहे हैं। घाघरा, सरयू, शारदा, राप्ती में आए उफान से हजारों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है।
प्रशासन के राहत पहुंचाने के दावे केवल कागजी साबित हो रहे हैं। अंबेडकरनगर के माझा कम्हरिया में सरयू नदी की बाढ़ के चलते लोग काफी परेशान हैं। वहीं बाराबंकी में बाढ़ से अब तक नौ लोगों की जान जा चुकी है। इनमें रामकरन, शिवा, लवकुश, ईश्वरदीन, पहलवान पांडेय, आरती, अखिलेश, बृजमोहन और हरिश्चंद्र शामिल हैं। डीएम अखिलेश तिवारी नौ मौतों की बात स्वीकार कर रहे हैं। जिले में घाघरा का पानी अभी भी गांवों में तबाही मचा रहा है। यहां एनडीआरएफ मदद में जुटी है।
श्रावस्ती जिले में राप्ती की बाढ़ से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से दो की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उधर, बहराइच में अब तक 15, बलरामपुर जिले में राप्ती ने 16 जबकि गोंडा जिले में अब तक बाढ़ में डूबकर आठ लोगों की मौत हुई हैं। सीतापुर में अब तक बाढ़ के पानी में डूबने से नौ की मौत हो चुकी है। रविवार को अकेले जिले में छह बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। इनमें से तीन सगे भाई थे।
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