उधर, पानी ने बाढ़ वाले इलाकों में और मुशीबत पैदा कर दी। बाढ़ ने गोंडा, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, बलरामपुर में तबाही मचा रखा है। बाढ़ से सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं तो वहीं कई लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार अगले ४८ घंटों में लखनऊ, सीतापुर, अयोध्या, फैजाबाद, सुल्तानपुर, रायबरेली, अंबेडकरनगर समेत कई जिलों में तेज बारिश होने के आसार हैं। गुरुवार को हुई बारिश फसलों के लिए अच्छी रही।
24 जिलों में बाढ़ ने मचाई तबाही बाढ़ ने उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में तबाही मचा रखी है। राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक बाढ़ से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का सबसे अधिक असर गोंडा, बाराबंकी, बलरामपुर, बहराइच आदि जिलों में देखा जा रहा है। प्रदेश के अवध क्षेत्र में कहर ढा रहीं नदियां अब तक 67 से अधिक जिंदगियां लील चुकी हैं। बाढ़ से कई गांवों का वजूद मिट चुका है। घर, मवेशी भी सैलाब में बह गए। हालात इतने खराब हैं कि लोग घरों की छतों व छप्परों में दिन काट रहे हैं। घाघरा, सरयू, शारदा, राप्ती में आए उफान से हजारों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है।
प्रशासन के राहत पहुंचाने के दावे केवल कागजी साबित हो रहे हैं। अंबेडकरनगर के माझा कम्हरिया में सरयू नदी की बाढ़ के चलते लोग काफी परेशान हैं। वहीं बाराबंकी में बाढ़ से अब तक नौ लोगों की जान जा चुकी है। इनमें रामकरन, शिवा, लवकुश, ईश्वरदीन, पहलवान पांडेय, आरती, अखिलेश, बृजमोहन और हरिश्चंद्र शामिल हैं। डीएम अखिलेश तिवारी नौ मौतों की बात स्वीकार कर रहे हैं। जिले में घाघरा का पानी अभी भी गांवों में तबाही मचा रहा है। यहां एनडीआरएफ मदद में जुटी है।
श्रावस्ती जिले में राप्ती की बाढ़ से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से दो की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उधर, बहराइच में अब तक 15, बलरामपुर जिले में राप्ती ने 16 जबकि गोंडा जिले में अब तक बाढ़ में डूबकर आठ लोगों की मौत हुई हैं। सीतापुर में अब तक बाढ़ के पानी में डूबने से नौ की मौत हो चुकी है। रविवार को अकेले जिले में छह बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। इनमें से तीन सगे भाई थे।
प्रशासन के राहत पहुंचाने के दावे केवल कागजी साबित हो रहे हैं। अंबेडकरनगर के माझा कम्हरिया में सरयू नदी की बाढ़ के चलते लोग काफी परेशान हैं। वहीं बाराबंकी में बाढ़ से अब तक नौ लोगों की जान जा चुकी है। इनमें रामकरन, शिवा, लवकुश, ईश्वरदीन, पहलवान पांडेय, आरती, अखिलेश, बृजमोहन और हरिश्चंद्र शामिल हैं। डीएम अखिलेश तिवारी नौ मौतों की बात स्वीकार कर रहे हैं। जिले में घाघरा का पानी अभी भी गांवों में तबाही मचा रहा है। यहां एनडीआरएफ मदद में जुटी है।
श्रावस्ती जिले में राप्ती की बाढ़ से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से दो की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उधर, बहराइच में अब तक 15, बलरामपुर जिले में राप्ती ने 16 जबकि गोंडा जिले में अब तक बाढ़ में डूबकर आठ लोगों की मौत हुई हैं। सीतापुर में अब तक बाढ़ के पानी में डूबने से नौ की मौत हो चुकी है। रविवार को अकेले जिले में छह बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। इनमें से तीन सगे भाई थे।