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प्रदेश में 2067 कॉलोनियां अवैध, पहले चरण में 164 होंगी वैध

locationलखनऊPublished: Sep 24, 2017 01:46:15 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

राजधानी में ही करीब 645 अवैध कालोनियां हैं।

illegal colonies

Illegal Colonies

लखनऊ। प्रदेश में रियल इस्टेट एक्ट, 2016 के लागू होने पर एक मई 2016 से पहले तक बसी अनाधिकृत कालोनियां ही नियमित की जाएंगी। नियमितीकरण के लिए लाभार्थियों को विकास शुल्क, शमन शुल्क एवं आवश्यक होने पर भू उपयोग परिवर्तन शुल्क मानचित्र स्वीकृत के समय एकमुश्त देने होंगे। प्रदेश के विभिन्न प्राधिकरण क्षेत्रों में कुल 2067 अनाधिकृत कालोनियां चिन्हित की गईं हैं। लेकिन नियमितीकरण के मानक कठिन होने से कुछ नहीं हो पा रहा है। मानक के अनुसार सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम, सीवर, पार्क व अन्य सुविधाएं होने पर ही कालोनियों को नियमित किया जा सकता है। इनके नियमितीकरण सबंधी गाइड लाइन्स के क्रियान्वयन में कठिनाइंयां हैं।
आठ सदस्यीय समिति देगी संस्तृति
आवास विभाग ने गाइड लाइन्स को सरलीकृत एवं व्यवहारिक बनाते हुए इसमें संशोधन किए हैं। पुरानी नीति व्यवहारिक न होने पर समस्या आ रही थी। इसीलिए अब पुरानी नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं। ले आउट प्लान का परीक्षण के लिए आठ सदस्यीय समिति अपनी संस्तृति देगी। जिसे विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की सहमति से बोर्ड के अनुमोदन के बाद मंजूरी दी जाएगी। समिति में सचिव विकास प्राधिकरण अध्यक्ष, मुख्य अभियंता अथवा प्रभारी अभियंत्रण सदस्य संयोजक, मुख्य नगर नियोजक, स्थानीय निकाय का प्रतिनिधि, जिलाधिकारी का प्रतिनिधि, जल निगम, जल संस्थान का प्रतिनिधि, पावर कॉरपोरेशन का प्रतिनिधि तथा अग्निशमन विभाग का प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
राजधानी में 645 कॉलोनियां अवैध
राजधानी में ही करीब 645 अवैध कालोनियां हैं। महायोजना 2021 में 241 अवैध कालोनियों दर्ज है जबकि महायोजना 2031 में 345 अवैध कालोनियां है। वहीं एलडीए ने सिर्फ 30 अवैध कालोनियों का ही सर्वे कर डाटा तैयार किया है। अवैध कालोनियों के नियमित करने की कवायद कई सालों से चल रही है। ऐसी नाधिकृत कालोनियों के नियमित किए जाने को लेकर आवास विभाग ने निर्धारित गाइड लाइन्स संशोधन किए हैं। इससे अनाधिकृत कालोनियां नियमित हो सकेंगी। इसके सापेक्ष पहले चरण में 164 कालोनियों के नियमितीकरण को लेकर प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सबसे पहले आवासीय भू उपयोग वाली कालोनियों के नियमितीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
इस दशा में ही होगी नियमितीकरण की प्रक्रिया
-महायोजना के अंतर्गत वर्तमान अथवा प्रस्तावित रेलवे लाइन, सड़कें, पार्क एवं ग्रीन लैंड तथा अन्य अवस्थापना एवं जन सुविधाओं के लिए आरक्षित भूमि पर न हों।
-केंद्र व राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक अभिकरण के स्वामित्व की भूमि पर स्थित न हों। लेकिन सबंधित विभाग से एनओसी मिलने पर पात्र होंगी।
-वन क्षेत्र, पर्यावरण एवं परिस्थितिकी को लेकर संवेदनशील क्षेत्र के अंतर्गत स्थित न हों।
-जलमग्न क्षेत्र, नदी नाले के प्रवाह क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, तालाब व पोखर आदि तथा अन्य असुरक्षित स्थलों के अंतर्गत न हों।
-भारतीय पुरातात्विक विभाग तथा राज्य पुरातात्विक विभाग से सबंधित स्मारकों के निषिद्घ क्षेत्र की सीमा में न हों।
-विवादित स्वामित्व की भूमि पर स्थित न हों।
अवैध कालोनियों के विकास पर होगी कार्रवाई
कट ऑफ डेट यानी 1 मई 2016 के बाद से अवैध अथवा अनाधिकृत विकास होने पर कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश नगर नियोजन और विकास अधिनियम, 1973 की धारा-26,27 एवं 28 के अधीन प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। शिथिलता बरतने पर सबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्घ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी व्यक्ति भवन, लैट, अपार्टमेंट व प्लाट बनाने अथवा विकसित करने का प्रस्ताव करता है तो उसे रेरा की धारा 3 व 4 अथवा अन्य नियमों का अनुपालन करना होगा। ऐसा न करने पर धारा-59, 60, 61 व 63 के अनुसार दंड का भागीदार होगा।
कालोनियां क्षेत्रफल(वर्ग मी.) भवनों की संया
योगी नगर 11.41 -162
श्रीपुरम 33.19 -685
कंचन पुरम 17.52 -236
एकता पुरम 32.86 -493
मधु पुरम 16.17 -266
शालीमार-1 5.677 -51
शालीमार-2 5.755 -50
शालीमार-3 9.755 -58
कृष्णा कालोनी 22.996 -239
गोविंद पुरम 45.047 -246
मौसम बाग 19.65 -210
अजीज नगर 58.73 -932
श्री नगर 31.42 -554
बसंत बिहार 155.42 -575
आरजू नगर 8.77 -135
नायक नगर 62.05 -706
माहर्षि 105.809 691
भरत नगर 90.76 -1741
शिवपुरम 80.26 -1026
तुलसीपुरम 67.02 -820
त्रिवेणी नगर 76.72 -979
केशव नगर 155.42 -1615
सैनिक बिहार कालोनी 106098.00 -274
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