लखनऊ

यूपी लौटे 22 प्रतिशत प्रवासियों में कोविड-19 पॉजिटिव, 4.75 लाख मजदूर होम क्वारंटाइन

– हर रोज बढ़ रहे मामले, यूपी में 5000 के करीब पहुंचे कोरोना संक्रमित

लखनऊMay 20, 2020 / 04:36 pm

Karishma Lalwani

यूपी लौटे 22 प्रतिशत प्रवासियों में कोविड-19 पॉजिटिव, 4.75 लाख मजदूर होम क्वारंटाइन

लखनऊ. देश में कोरोना वायरस (Covid-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख पार हो चुका है। वहीं, उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मामले 5000 के करीब पहुंच चुके हैं। लॉकडाउन (Lockdown) होने के बावजूद कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उधर, लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों (Migrant Labourers) को उनके राज्य पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने बसों के संचालन को मंजूरी दी है। हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिक यूपी पहुंच रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों के यूपी पहुंचने के बाद उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है और ऐहतियात के तौर पर सभी की जांच भी की जा रही है, जिसमें से 22.2 प्रतिशत के कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आए हैं।
उत्तर प्रदेश पहुंचे प्रवासी श्रमिकों में से अब तक 22.2 प्रतिशत कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। इस बात की जानकारी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि यूपी पहुंचे 4.75 लाख प्रवासियों में से 575 के सैंपल टेस्ट किए गए। इनके सैंपल सर्वे आशा वर्कर्स द्वारा किए गए हैं। इसमें से 117 प्रवासियों की रिपोर्ट आई है, जिसमें से 26 के टेस्ट पॉजिटिव निकले हैं। वहीं, 91 के सैंपल टेस्ट नेगेटिव हैं।
70 फीसदी केस प्रवासियों के

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, राज्य में कोरोना के नए मामलों में से 70 फीसदी मामले प्रवासी श्रमिकों के हैं। 1 मई से 18 मई के बीच राज्य में कोविड-19 के 2296 नए मामले सामने आए जिसमें से लगभग 1600 केस प्रवासियों के हैं।
हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग और निगरानी गतिविधियों पर अपनी उम्मीदें लगाई हैं। प्रमुख स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य में प्रवासी श्रमिकों में कोरोनोवायरस के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने टू लेयर स्क्रीनिंग योजना शुरू की है। इसके तहत पहली योजना में प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। इनमें जो कोरोना संदिग्ध पाए जाते हैं, उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाता है। वहीं, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं पाए जाते, उन्हें ऐहतियात के तौर पर 21 दिन के लिए होम क्वारंटाइन कर दिया जाता है। जिन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता है उनकी सात दिन बाद दोबारा थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। अगर वे स्वस्थ्य पाए जाते हैं, तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है और अगर उनकी तबियत में कोई सुधार नहीं होता तो उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाता है।
दूसरी योजना में आशा वर्कर्स को अपने क्षेत्र के प्रवासियों की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत अपने क्षेत्र में किसी भी प्रवासी के संदिग्ध होने की जानकारी वे स्वास्थ्य विभाग को देती हैं। संदिग्धों की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाती है।
आरोग्य सेतु से मिल रही मदद

कोविड-19 की जानकारी के लिए बनाए गए आरोग्य सेतु ऐप से भी राज्य सरकार इस वायरस से ग्रसित लोगों की जानकारी हासिल करने में जुटी है। प्रमुख स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अब तक 20768 कॉल्स आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से रिसीव हुई है। ऐप के माध्यम से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 181 संदिग्ध क्वारंटाइन में रखे गए हैं जबकि 50 के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। वहीं, 23 मरीजों के रिकवर होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है।
5000 के करीब कोरोना पॉजिटिव

उत्तर प्रदेश में कोरोना माहमारी का कहर 5000 के करीब पहुंच गया है। बुधवार को राज्य में 323 नए केस सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 4926 हो गई। यह संख्या पांच हजार के करीब पहुंच गई है। जबकि मृतकों का आंकड़ा 135 हो गया है।
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