एसोसिएशन की तरफ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में आरक्षण लागू न करने व उसके सदस्यों को भर्ती में शामिल करने का आग्रह किया गया था। वहीं इस मामले को टालने का विरोध राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता कुलदीप त्रिपाठी ने यह कहते हुए किया कि मौजूदा समय में कोई स्थगनादेश नहीं है। उन्होंने बताया कि यह मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया था और वहां से फिर हाई कोर्ट में वापस निस्तारण के लिए भेज दिया गया है। मामले में कई बार नई-नई तारीख की दी गई हैं लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती नहीं हो सकी।
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अदालत के आदेश के मुताबिक देखने से यह पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट से मामला वापस होने के बाद हाई कोर्ट ने कोई स्थगनादेश नहीं दिया है। याची के अधिवक्ता ने पत्रकारों की दलील का विरोध करते हुए खुद पूरक हलफनामे के साथ दस्तावेज दाखिल करने का आग्रह किया है। इस पर अदालत ने याची के वकील को 1 सप्ताह का समय दिया है।