scriptबाबरी मस्जिद विध्वंस मामला- आसान नहीं था कारसेवकों को रोक पाना | 25 years of babari mosque demolation In ayodhya | Patrika News

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला- आसान नहीं था कारसेवकों को रोक पाना

locationलखनऊPublished: Dec 04, 2017 05:35:56 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

कोई नहीं चाहता था कि ऐसी घटना घटित हो जो उस दिन घटित हुई।

babari mosque demolation

babari mosque demolation

लखनऊ. बाबरी मंदिर विध्वंस को भले ही २५ साल होने जा रहे हैं। अयोध्या में उस दिन जो कुछ भी हुआ वह राम की नगरी ही नहीं यूपी के साथ देश और दुनिया को भी हिला कर रख दिया था। 6 दिसंबर 1992 की याद आते ही मानस में वह सारे दृश्य सामने आ जाते हैं किस तरह से कारसेवकों का हुजूम बाबरी मस्जिद पर टूट पड़ा और देखते ही देखते बाबरी मस्जिद को कुछ ही देर में विध्वंस कर दिया।

वह सभी जानते हैं

अयोध्या के राधेश्याम तिवारी बताते हैं कि 6 दिसंबर 1992 की वह घटना किसी ने नहीं कराई और मेरी समझ से कोई यह नहीं चाहता था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस हो, लेकिन अयोध्या में उस दिन लाखों कारसेवकों का हुजूम था, जिसको रोक पाना आसान नहीं था। जब वह हुजूम विवादित स्थल की ओर बढऩे लगा तो उसके बाद ऐसा माहौल बन गया और कुछ ही समय में ऐसा हो गया जिसे देश के धर्मनिरपेक्ष लोग हमेशा के लिए इस दिन को एक काले दिन की तरह देखते हैं। उसके बाद जो देश में हुआ वह सभी जानते हैं।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार संतोष पाठक कहते हैं कि इस घटना के बाद जहां हिंदू भावनाएं ज्वार ले रहीं थीं तो वहीं दूसरी ओर धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लोग बेहद आहत थे। आजादी के बाद इस घटना को ध्रुवीकरण के सबसे बड़े प्रयासों में एक माना जाता है। घटना के बाद सिर्फ राजनीति ही नहीं समाज और बुद्धिजीवी भी साफ तौर पर दो धड़ों में बंटे दिखाई दिए थे।

कोई भी नहीं चाहता था कि राम की नगरी में ऐसी घटना घटे
फैजाबाद के रामचंद्र मिश्रा बताते हैं कि कई दिनों पहले से ही अयोध्या में लाखों कारसेवकों का जमावड़ा लगने लगा था और उस पर नियंत्रण पाना आसान नहीं था, हां यह जरूर है कि कोई भी नहीं चाहता था कि राम की नगरी में ऐसी घटना घटे जो घटित हुई, लेकिन भीड़ इतनी थी और उसमें जिस तरह का जोश था वह कुछ भी कर सकती थी। इस घटना को टाला जा सकता था अगर यहां भीड़ को एकत्र नहीं होने दिया जाता। इस घटना के लिए कुछ लोग उस समय की यूपी की कल्याण सिंह की गवर्नमेंट और केंद्र की पीवी नरसिम्हा राव गवर्नमेंट को इसका दोषी मानते हैं। इस घटना ने देश को काफी झकझोर दिया था।

जिसको कभी भरा नहीं जा सकता
वहीं लखनऊ की ममता जायसवाल कहती हैं कि हम पूरे परिवार के साथ घर में बैठक टिवी देख रहे थे, हम लोग उस दिन को याद करके यही करते हैं कि ईश्वर ऐसी घटना देश में नहीं होनी चाहिए थी। इस घटना ने ऐसा जख्म दिया जिसको कभी भरा नहीं जा सकता है।

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