scriptअंगदान करने के लिए जागरूकता व कैंसर ग्रस्त मरीजों को चिन्हित करने का अभियान चलाएं | 25th convocation ceremony of S.P.G.I. | Patrika News

अंगदान करने के लिए जागरूकता व कैंसर ग्रस्त मरीजों को चिन्हित करने का अभियान चलाएं

locationलखनऊPublished: Jan 09, 2021 08:51:02 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

बेहतर चिकित्सक के साथ अच्छे इंसान बने,चिकित्सक विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण हेतु सतत् प्रयत्नशील रहें

25th convocation ceremony of S.P.G.I.

25th convocation ceremony of S.P.G.I.

लखनऊः दीक्षांत-समारोह एक विशिष्ट अवसर है। यह अवसर एक प्रतीक और एक संकेत भी है कि आज से अमूल्य मानव-सम्पदा के रूप में, राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए आपको दीक्षा प्राप्त हो गयी है। इसके साथ ही आपके ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। यह अवसर छात्रों को उन उद्देश्यों की भी याद दिलाता है, जिनके साथ उन्होंने ज्ञानार्जन की यात्रा प्रारम्भ की थी। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 25वें दीक्षान्त समारोह में व्यक्त किये।
उन्होंने पदक व उपाधियां प्राप्त छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि छात्र-छात्राएं मानवीय संवेदनाओं जैसे गुणों को अपने में समाहित करें। क्योंकि मानवता के प्रति संवेदनशीलता का भाव ही आपको सामाजिक उत्तरदायित्वों का बोध करायेगा और यही आपके विचारों को परिपक्व करेगा। आप सभी बेहतर चिकित्सक के साथ अच्छे इंसान बने, मरीजों का विश्वास जीतें और निर्धन, असहाय और साधनविहीन लोगों की सेवा करें। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा 193 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गयी।
राज्यपाल ने कहा कि आज के वैश्विक परिवेश ने युवाओं को अनेक अवसर प्रदान किये हैं, परन्तु हमारे सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। हमारे विद्यार्थियों को इन चुनौतियों का समाधान करते हुए जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंचना है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के स्वास्थ्य ढांचे से सबक लेते हुए हमें देश के स्वास्थ्य ढांचे विशेषकर ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य ढांचे पर और ध्यान देना होगा। हमें आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ भारत की पारम्परिक चिकित्सा विधाओं को भी विकसित एवं मजबूत करने की आवश्यकता है। क्योंकि कोविड-19 के मध्य हमारी पारम्परिक चिकित्सा एवं खान-पान काफी कारगर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि जन सामान्य का विश्वास भी इस ओर बढ़ा है। वास्तव में चिकित्सा विधाएं सिर्फ उपचार पर आधारित नहीं है, बल्कि बीमारियों के बचाव तथा शरीर की रोगों के प्रति लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के सिद्धान्त पर भी कार्य करती हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों में भी एस0जी0पी0जी0आई0 द्वारा न केवल कोरोना संक्रमित मरीजो का उपचार किया जा रहा है, बल्कि गैर-कोरोना संक्रमित मरीजों को भी अपने चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाते हुए उचित चिकित्सकीय परामर्श तथा उपचारित करना एवं यथा आवश्यक उनकी शल्य क्रियाओं का निष्पादन सुचारू रूप से किया जा रहा है। यह संस्थान की आम-जनमानस के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के प्रति संवेदना का प्रतीक है। राज्यपाल ने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े शिक्षकों कहा कि वे बदलती परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को अद्यतन बनायें तथा राष्ट्र और समाज के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करें। विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण हेतु सतत् प्रयत्नशील रहें।
राज्यपाल ने कहा कि अनुसंधान और विकास की उन्नति ने हमारे वैज्ञानिकों की ऊर्जा, रचनात्मकता और नये-अन्वेषण ने विविध सेवा क्षेत्र की कुशलता को बढ़ाने में योगदान दिया है। हमारे वैज्ञानिकों ने परमाणु और अंतरिक्ष विज्ञान तथा सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और अन्य प्रौद्योगिकियों में तीव्र प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे अनुसंधान-कर्ताओं और वैज्ञानिकों की कोई कमी नहीं है, जिन्हें भौतिक और अनुपयुक्त क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रगति की भली-भांति जानकारी है। उनके पास राष्ट्र की प्रगति के लिये अनुसंधान करने के ज्ञान का भण्डार है।
राज्यपाल ने कहा कि अनेक वैज्ञानिक विदेशों में कार्य कर देश का मान-सम्मान बढ़ा रहे हैं। राष्ट्र के निर्माण और दुनिया के साथ चलने की ताकत उनमें है। राज्यपाल ने संस्थान प्रबंधन से अपील की कि वे अंगदान करने हेतु जन जागरूगता अभियान चलाने के साथ-साथ कैंसर ग्रस्त मरीजों को भी चिन्हित करने का अभियान चलाएं, ताकि उन्हें चिकित्सीय सुविधा प्रदान हो सके।

ट्रेंडिंग वीडियो