विकास के मामले में जरूर रफ्तार पकड़ी है, लेकिन राजनीति से ऊपर जाकर इस सरकार ने पिछली सपा सरकार की चल रही योजनाओं को बंद नहीं किया, बल्कि उन्हें उद्घाटन तक पहुंचाने का काम किया। इसी वजह से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी पर तंज कसा है कि अभी तो 21 योजनाएं ऐसी हैं, जिनका शिलान्यास किया था औऱ उद्घाटन होना बाकी है। योगी सिर्फ सपा सरकार की योजनाओं का उद्घाटन करके श्रेय ले रहे हैं। उन्होंने बाकायदा इसकी सूची भी दी, जिसमें गंगा एक्सप्रेस हाइवे भी शामिल है। य़ादव कहते हैं कि सरकार की रफ्तार बैलगाड़ी वाली है। प्रदेश का माहौल अच्छा नहीं है। अराजकता फैली हुई है। कुल मिलाकर योगी सरकार का ढाई साल के शासन पर जश्न मनाना झूठ के सिवाय कुछ नहीं।
हालांकि, सरकार शिक्षा के गिरे स्तर को कंट्रोल करने में कामयाबी मिली है। नकल पर जिस तरह नकेल डाली गई है, उसे सराहा जा रहा है। नामुमकिन भी नहीं है। चीनी मिलों को फिर शुरू करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। प्रदेश की रफ्तार को गति देने में इनकी भूमिका है, साथ ही गन्ना किसानों के बकाया का निपटारा नहीं होना भी कई सवाल खड़े करता है। हालांकि, योगी सरकार का दावा है कि 73 हजार करोड़ रुपए के गन्ना का भुगतान किया गया है। 68 हजार बच्चियों का सामूहिक विवाह में विवाह किया गया। बच्चियों से छेड़छाड़ करने वालों को सबक सिखाने के लिए एंटी रोमियो स्कवाड बनाया गया, जो देश भर में तो चर्चित है ही, साथ ही दिलफेंक आशिकी की भी अक्ल ठिकाने लग रही है।
आने वाले ढाई साल में योगी का वादा है कि जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाने के साथ-साथ रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। आधारभूत संरचना को औऱ मजबूत किया जाएगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रदेश को ताकतवर किया जाएगा औऱ उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा। योगी सरकार ने अर्द्धवार्षिक परीक्षा तो पास कर ली, जनता की अब औऱ उम्मीद बढ़ गई। कितना कर पाती है सरकार, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा।