इंस्टीटयूट की स्टूडेंट बबली चेल ने बताया कि मैट पेंटिंग्स बनाने के लिए सबसे पहले शूट किया जाता है। इसके बाद बैकग्राउंड वर्क हटाकर मेटा पेंटिंग लगायी जाती है। इसके बाद इन्हें 3डी टेक्शचर दिया जाता है। इस तरह से मेटा पेंटिंग का काम पूरा होता है। मेटा पेंटिंग को फोटोशॉप पर पूरा किया जाता है और 3डी पेंटिंग के लिए माया मैक्स ऐप का इस्तेमाल होता है। इसी तरह बाकी की पेंटिंग्स भी बनाई जाती हैं। इंस्टीटयूट में और भी कई तरह की पेंटिंग्स देखने को मिलीं। यहां पर ‘मेक इन इंडिया’ कॉन्सेप्ट पर भी पेंटिंग्स बनायी गयी थीं।
रेट किये जाने पर जिन पेंटिंग्स को सबसे ज्यादा वोट्स मिलते हैं, उन्हें पुरस्कार के तौर पर शील्ड दिया जाता है। यहां पर पेंटिंग्स के अलावा 3डी एनीमेशन गेम्स और शॉर्ट मूवी भी दिखायी गयी। हालांकि ये सिर्फ फन एलीमेंट के लिए किया गया था। फन एलीमेंट और बच्चों की रूची को ध्यान में रखते भी हुए ही इंस्टीटयूट ने कुछ 3डी गेम्स भी रखे थे।
रेट किये जाने पर जिन पेंटिंग्स को सबसे ज्यादा वोट्स मिलते हैं, उन्हें पुरस्कार के तौर पर शील्ड दिया जाता है। यहां पर पेंटिंग्स के अलावा 3डी एनीमेशन गेम्स और शॉर्ट मूवी भी दिखायी गयी। हालांकि ये सिर्फ फन एलीमेंट के लिए किया गया था। फन एलीमेंट और बच्चों की रूची को ध्यान में रखते भी हुए ही इंस्टीटयूट ने कुछ 3डी गेम्स भी रखे थे।