दरअसल, बेसिक स्कूलों के शिक्षकों के सितम्बर का वेतन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ था। त्योहार के सीजन में वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अमूमन परिषदीय शिक्षकों को हर महीने की एक से पांच तारीख के बीच वेतन का भुगतान हो जाता है। मगर इस बार शासन की लेटलतीफी के चलते वेतन की ग्रांट मंजूर नहीं हो सकी थी।
वेतन न मिलने से शिक्षकों में बेहद नाराज़गी थी। उनका कहना था कि दशहरे पर उनकी जेब खाली रही। आगे करवाचौथ और फिर दिवाली का खर्चा है। बिना वेतन कैसे त्योहार मनाएंगे। नवरात्र शुरू होने पर शिक्षकों को उम्मीद थी कि दशहरा तक तो वेतन मिल ही जाएगा, लेकिन ग्रांट न आने से वेतन का भुगतान लटक गया था। हालांकि शासन के इस आदेश के बाद उन्हें दीवाली से पहले वेतन मिल जाएगा।