कुंभ के लिए लखनऊ जोन से चलने वाली बसें तीर्थयात्रियों को चौबीस घंटे के लिए उपलब्ध रहेंगी। इसे देखते हुए चालक परिचालकों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है। लखनऊ व अयोध्या मार्ग से कुंभ के लिए जाने वाली बसों की भी पूरी व्यवस्था की गई है। लखनऊ से चलने वाली बसें तीन चरणों में चलेंगी। पहले चरण में 200 बसें चलेंगी, जो कि 13 से 29 जनवरी तक होगा। दूसरे चरण में 400 बसें चलेंगी, जो कि 30 जनवरी से 14 फरवरी तक होगा और तीसरे चरण में 200 बसें चलेंगी, जो कि 15 फरवरी से 5 मार्च तक होगा।
प्रयागराज से चलेंगी 800 ट्रेनें कुंभ मेले का हिस्सा बनने वाले तीर्थयात्रियों के लिए प्रयागराज के विभिन्न स्टेशनों से 800 विशेष ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे विभाग ने दिया है। ये ट्रेनें उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) द्वारा संचालित नियमित ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी। एनसीआर के पीआरो अमित मालवीय के मुताबिक कुंभ मेले में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए देश के विभिन्न रेलवे क्षेत्रों से प्रयागराज में छह विशेष ट्रेनें आएंगी। रेलवे ने 5,000 प्रवासी भारतीयों को प्रयागराज से नई दिल्ली तक लाने के लिए चार से पांच विशेष ट्रेनों को संचालित करने की योजना बनाई है। ये लोग वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने के बाद कुंभ के लिए प्रयागराज जाएंगे।
मेले के द्दश्य राह बनाएंगे आसान कुंभ मेले की ब्रॉडिंग के लिए व देशभर में इसके प्रचार के लिए विशेष ट्रेनों के 1400 कोचों और एनसीआर की मुख्य ट्रेनों में प्रचार के खास तरीके इस्तेमाल किए जाएंगे। इन ट्रेनों में कुंभ मेले की रंगीन व आकर्षक छवियां लगाई जाएंगी। साथ ही इलाहाबाद की एतिहासित संरंचनाएं भी लगाई जाएंगी। वहीं 13 जनवरी से 5 मार्च के बीच इलाहाबाद रूट की सभी ट्रेनों में एक्स्ट्रा कोच लगाए जाएंगे। ट्रेनोंको नया लुक देने के साथ ही यह तीर्थयात्रियों के लिए राह भी आसान बनाएगी। कुंभ स्पेशल ट्रेनों में प्लास्टिक कोटेड पेंटिंग बनाई जाएंगी, जिसमें कुंभ के विहंगम द्दश्यों की झलकियां होंगी। कुंभ स्पेशल ट्रेन्स के प्लाटफॉर्म पर पहुंचने पर उनकी आसानी से पहचान हो सकेंगी।
पूर्वांचल से 110 ट्रेनें कुंभ मेले के लिए बनारस, मऊ, बलिया व छपरा से 110 ट्रेनें चलाई जाएंगी। छह महत्वपूर्ण स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। एनईआर वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार के मुताबिक विनाइल रैपिंग से मेला स्पेशल ट्रेनों को सजाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को ट्रेन पकड़ने में आसानी हो।