नरेंद्र मोदी पहली बार वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरे और बड़ी जीत के साथ भाजपा का केंद्र में नेत्तत्व किया। वहीं भाजपा की परंपरागत सीट लखनऊ से भी पहली बार राजनाथ सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत का स्वाद चखा।
ये भी पढ़ें- सरकारी बंगला छोड़ने के बाद आखिरकार मुलायम सिंह यादव ने उसी लेन पर की वापसी, शिफ्ट हुए अपने नए घर में, इस पार्टी कार्यालय के है करीब कांग्रेस, सपा, बसपा का यह हुआ था हाल-
यूपी की भाजपा गठबंधन ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की, इनमें से 71 पर भाजपा अपने दम पर अपना परचम लहराने में कामयाब रही। कांग्रेस दो, सपा पांच लोकसभा सीटों पर सिमट कर रह गई थी, तो वहीं बसपा का तो सूपड़ा ही साफ गया था। 16 मई को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अपने दम पर बहुमत हासिल किया था। कुल 543 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 337 सीटों मिलीं जिसमें से बीजेपी ने अकेले दम पर 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
ये भी पढ़ें- रायबरेली घटना पर अदिति सिंह ने पीएम मोदी से पूछा यह बड़ा सवाल, मामले में आया यह आदेश 1984 के बाद मिली थी सबसे बड़ी जीत- खुशी अपने उफान पर इसलिए भी थी क्योंकि 1984 के बाद भाजपा पहली पार्टी थी, जिसने अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें हासिल की। आपको बता दें कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए आम चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 404 सीटों पर जीत हासिल की थी।