इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए लखनऊ के बायोटेक पार्क के सीईओ प्रोफेसर प्रमोद टंडन ने बताया कि वर्तमान स्थितियों से निपटने के लिए, प्रदूषण को कम करने और उपचारात्मक उपायों के विकास में सीएसआईआर – आईआईटीआर की महत्वपूर्ण भूमिका है। आने वाली पीढ़ियों के लिए खाद्य सुरक्षा और सुरक्षित भोजन को उपलब्ध कराने के लिए अनुसंधान संचालित की पहल की जरूरत है।
कॉन्क्लेव का पहला दिन पहला सेशन “भविष्य के लिए खाद्य सुरक्षा” पर केंद्रित था। तो वहीं दिन के दूसरे सत्र में विषाक्तता को कम करने और मानव स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करने की बारीकियों पर प्रकाश डाला गया। सीएसआईआर – सेंट्रल लेदर टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई की ओर से डॉ. सुब्रमण्यन ने विषाक्तता की भविष्यवाणी के लिए मशीन लर्निंग स्ट्रेटेजी के फायदों पर प्रकाश डाला।