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लखनऊ

69000 शिक्षक भर्ती मामले में आखिरकार आया सबसे बड़ी फैसला, बेरोजगारों के लिए बड़ी खुशखबरी

69000 शिक्षक भर्ती में HighCourt में सुनवाई के लिए आगे की तारीख मिल गई है

लखनऊSep 20, 2019 / 11:00 am

Ruchi Sharma

69000 शिक्षक भर्ती मामले में आखिरकार आया सबसे बड़ी फैसला, बेरोजगारों के लिए बड़ी खुशखबरी

69000 शिक्षक भर्ती मामले में आखिरकार आया सबसे बड़ी फैसला, बेरोजगारों के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती (69000 teacher shikshk bharti) मामले में हाईकोर्ट (HighCourt) में सुनवाई के लिए आगे की तारीख मिल गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में कल यानि (19 सितंबर) को 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 teacher shikshk bharti) मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने इस मामले में रोजाना सुनवाई करने की बात कही, जो 24 सितंबर से शुरू होगी। राज्य सरकार व अभ्यर्थियों की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज कुमार जयसवाल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने गुरुवार को या दे दिया। साथ ही बेंच में भी बदलाव किया गया है। न्यायमूर्ति जसप्रीत की जगह न्यायमूर्ति इरशाद अली को शामिल किया गया है। देखना यह है कि इसका परिणाम क्या रहता है।
जानकारी के मुताबिक, परीक्षा के बाद प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 65 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के लिए कटऑफ 60 प्रतिशत तय कर दी थी। इससे अभ्यर्थी नाराज हो गए और इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर दी।
जानिए क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए छह जनवरी को लिखित परीक्षा कराई गई थी। इन पदों के लिए करीब साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने इम्तिहान दिया है। परीक्षा के बाद शासन ने भर्ती का कटऑफ अंक तय किया। इसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 65 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग को 60 फीसदी अंक पाना अनिवार्य किया गया। इसका अभ्यर्थियों के एक वर्ग खासकर शिक्षामित्रों ने कड़ा विरोध किया, साथ ही इसे हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी। याचियों का कहना है कि 68500 शिक्षक भर्ती में जिस तरह सामान्य व ओबीसी का 45 और एससी-एसटी का कटऑफ 40 प्रतिशत अंक तय किए गए थे, उसी के अनुरूप कटऑफ घोषित हो। वहीं शासन का तर्क था कि 68500 शिक्षक भर्ती में दावेदार महज एक लाख से अधिक थे, जबकि 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए साढ़े चार लाख दावेदार हैं तो कटऑफ बढऩा तय है, तभी काबिल शिक्षक मिलेंगे। साथ ही सीटों से अधिक अभ्यर्थी सफल होने से उन्हें कोई लाभ नहीं होगा। मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। बीते 12 सितंबर को लखनऊ में इसकी सुनवाई भी थी लेकिन छठी बार सुनवाई में भी सरकारी वकील पक्ष रखने के लिए नहीं पहुंचे। इसके बाद अभ्यार्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे। बाद में पुलिस ने उन्हें लाठियों का सहारा लेकर वहां से हटाया था।

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