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चुनाव परिणामों का आकलन, ईमानदार और कम पैसे वालों के लिए बंद होते जा रहे राजनीति के दरवाज़े

locationलखनऊPublished: Dec 07, 2017 04:06:49 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

80 फ़ीसदी महापौर करोड़पति हैं और 27 फ़ीसदी अपराधिक मामलों से ग्रस्त हैं

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लखनऊ. प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद में 16 में से 15 महापौर के एफिडेविट के आकलन के आधार पर 80 फ़ीसदी महापौर करोड़पति हैं और 27 फ़ीसदी अपराधिक मामलों से ग्रस्त हैं । स्क्रीनिंग के बाद एडीआर की ओर से कहा गया कि राजनीति में अब नया ट्रेंड आ चुका है । अरबपति और करोड़पति प्रत्याशी ईमानदार और कम पैसे वाले लोगों पर भारी पड़ रहे हैं। यही रहा तो आने वाले समय में ईमानदार लोगों का राजनीति में आने के दरवाजे बंद हो जाएंगे ।

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एडीआर कोऑर्डिनेटर संजय सिंह ने बताया कि करोड़पतियों को चुने जाने में भाजपा के टिकट पर 80 फ़ीसदी और बहुजन समाज पार्टी के दोनों ही उम्मीदवार करोड़पति हैं । हालाँकि इस बार महापौर बने सभी उम्मीदवारों में अधिकतर पड़े लिखे हैं। सिर्फ एक ही उम्मीदवार सीता राम जैस्वाल ऐसे हैं जो 10 वी पास है ।
संजय सिंह ने बताया कि गुजरात चुनाव के बाद राजधानी में एक सम्मानित किया जाएगा । जिसमें प्रदेश भर के मेयर राज निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को भी आमंत्रण दिया जाएगा । इसमें चर्चा की जाएगी कि आखिर चुनाव में पारदर्शिता रखने के लिए क्या कदम उठाए जाए ऐसे लोकतंत्र जनता का भरोसा खत्म होता जा रहा है ।
बताते चलें कि एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार महापौर निर्वाचित हुए 80 फीसदी की शैक्षिक योग्यता स्नातक या इससे ऊपर है । कुल निर्वाचित पदों में 6 की शैक्षिक योग्यता परास्नातक जबकि एक की डायरेक्टरेट है । महापौरों द्वारा घोषित आपराधिक मामलों के हिसाब से आगरा के नवीन जैन पर चार मुकदमे दर्ज हैं जबकि इलाहाबाद की अभिलाषा गुप्ता पर गंभीर आईपीसी की धारा में दो मुकदमे दर्ज हैं । कानपुर से भाजपा महापौर प्रमिला पांडेय और अयोध्या से ऋषिकेश पर एक एक मुकदमा दर्ज हैं ।

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