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उत्तर प्रदेश के 81 हजार कर्मचारियों ने की बगावत, योगी सरकार में मचा हड़कंप

locationलखनऊPublished: Nov 08, 2017 08:07:56 am

कर्मचारियों के इस कदम से सकते में पूरी यूपी सरकार…

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही कैबिनेट से एक प्रस्ताव पास करने जा रही है, जिसमें सचिवालय में क्लास 1 और क्लास 2 के अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति अब सीधे डायरेक्टोरेट लेवल पर बैठा आईएएस अधिकारी ही कर सकेगा। यह जानकारी सचिवालय संघ के यादवेंद्र मिश्रा और सीधी भर्ती संघ के महासचिव अभय रंजन ने द्वारा दी गई।

 

ब्यूरोक्रेसी की साजिश

यादवेंद्र मिश्रा के अनुसार ये मंत्रियों की ताकत को कम करने की साजिश ब्यूरोक्रेसी द्वारा की गई है। सरकार इसे समझ नहीं पा रही है। सचिवालय संघ के प्रदेश यादवेंद्र मिश्रा ने सरकार और राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है क‍ि ब्यूरोके्रसी ने अपने अपनी पावर को बढ़ाने के लिए इस तरह के अनीतिपूर्ण निर्णय लेने के लिए प्लान बनाया है।

 

कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी सरकार

वहीं, सीधी भर्ती संघ के महासचिव अभय रंजन ने बताया आज की डेट में जितने भी क्लास 2 और 1 के अधिकारी हैं उनसे संबंधित सभी कार्य सरकार करती है, क्योंकि राज्यपाल ही इनकी नियुक्ति प्राधिकारी होते हैं। राज्यपाल के अधिकारों का प्रयोग विभागीय मंत्री करते हैं। हटाना-निकालना सब सरकार करती है जिसमें विभागीय मंत्री की सहमति जरूरी होती है। लेकिन सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव का मन बनाया है कि ये सारे काम अब उनके विभागाध्यक्ष यानी डायरेक्टरेट करेंगे।

 

इस कदम से सचिवालय होगा कमजोर

आगे उन्होंने कहा की हम इसी बात का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि गैर संवैधानिक काम को जो सरकार की मंशा है उसे वापस ले। सरकार ने आईएएस संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जिसमें ये प्रस्ताव पर लोगों की सहमति मागी गई है। अब मंत्री के बजाय डायरेक्टरेट काम करेंगे। हम विरोध इस लिए कर रहे हैं, क्योंकि सचिवालय कमजोर होगा। मंत्रियों की पावर खत्म हो जाएगी, लेकिन ये ब्यूरोक्रेट्स उन्हें धोखा देकर उनसे अपना काम करवाने में लगे हैं। सारे आईएएस अधिकारी विभागों के डायरेक्टोरेट बनकर मौज करना चाहते हैं। ऐसे में वो कहीं भी रहकर काम करेंगे। किसी भी छोटे से पद पर रहेंगे, तो वो विभाग के डायरेक्टोरेट बने रहेंगे।

 

जुलूस और नारेबाजी

बता दें कि 81 हज़ार क्लास वन और क्लास टू अफसरों की सेवा शर्तों के बोझ को शासन से हटाकर विभगाध्यक्षों के अधीन किये जाने के विरोध में सचिवालय के अफसरों व कर्मचारियों ने एनेक्सी में जुलुस निकाला और नारेबाजी की।

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