scriptडिजिटल इंडिया का सच, 85 फीसदी पार्षद भूल गए अपना ई-पता | 85 percent corporators do not know their email address | Patrika News

डिजिटल इंडिया का सच, 85 फीसदी पार्षद भूल गए अपना ई-पता

locationलखनऊPublished: Oct 16, 2017 07:24:38 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

85 फीसदी पार्षद अपना ई-पता भूल चुके हैं।

UP nikay chunav

UP Nikay Chunav

लखनऊ . डिजिटल इंडिया का शोर है, लेकिन यूपी के नेता अपना ई-पता भी भूल चुके हैं। सूबे के 12 नगर निगमों में ई-सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। फाइल-कागज हार्डडिस्क का हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन 85 फीसदी पार्षद अपना ई-पता भूल चुके हैं। ई-पता भूलने वालों में महिलाओं की संख्या 95 फीसदी से ऊपर है। नेताओं को कुछ अच्छा लगता है तो सिर्फ फेसबुक, लेकिन वहां भी सिर्फ पार्टी का संदेश प्रसारित करने और दूसरों की पोस्ट को लाइक करने तक सरहद है। खौफ है कि ज्यादा कुछ लिखा-पढ़ा तो नेतागीरी संकट में उलझ जाएगी। सोशल मीडिया पर सक्रिय नेताओं की सबसे ज्यादा जमात लखनऊ-कानपुर में है, जबकि इलाहाबाद और मुरादाबाद सबसे पिछड़े।
कागज पर विश्वास, ई-मेल लगता है झंझट

12 नगर निगमों के पार्षदों के बीच रैंडम सर्वे के दौरान एक बात कॉमन थी कि कागज पर फरियाद लेना और नोट लगाकर संबंधित विभाग को बढ़ाना पार्षदों को आसान लगता है। कानपुर नगर निगम के पार्षद चेतन चौहान और आदित्य शुक्ला कहते हैं कि यह आसान है। अव्वल सभी फरियादियों को ई-मेल पर शिकायत-समस्या भेजना नहीं आता है। इसके अलावा एक नोट लगाकर भेजने में एक मिनट भी नहीं लगता है। ई-मेल पर शिकायत पढऩा और नोटिंग के साथ फारवर्ड करना झंझट है। चौहान ने कहाकि इस्तेमाल नहीं करते हैं, इसलिए ई-मेल बनाने के बावजूद भूल गए हैं। इसी तरह लखनऊ की पार्षद ममता चौधरी कहती हैं कि राजनीति में वक्त नहीं मिलता है। सीधे फरियाद लेने पर सीधा संवाद होता है, जबकि ई-मेल से दूरी बनी रहती है। इस कारण बनाने के बावजूद ई-मेल इस्तेमाल नहीं करते हैं।
मेरठ-मुरादाबाद-बरेली सबसे ज्यादा पिछड़े

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 85 फीसदी पार्षदों को ई-मेल नहीं मालूम है। कुछ का कहना था कि ई-मेल मालूम है, लेकिन इस्तेमाल नहीं करने के कारण पासवर्ड भूल गए हैं। मेरठ में पल्लवपुरम से भाजपा के टिकट पर पार्षद चुनी गईं पूजा बाल्मिकी कहती हैं कि शुरुआती दौर में ई-मेल बनाया था, लेकिन इस्तेमाल नहीं किया, इसलिए भूल गए। मेरठ के 80 सदस्यीय सदन में 58 पार्षदों को अपना ई-मेल नहीं मालूम है। 70 पार्षद ट्विटर और इंस्ट्राग्राम पर नहीं हैं। ऐसा ही हाल बरेली और मुरादाबाद में देखने को मिला। दोनों शहरों में 90 फीसदी पार्षदों के पास ई-मेल, ट्विटर हैंडल और इंस्ट्राग्राम का प्लेटफार्म नहीं है।
वाराणसी ने एक साल में रफ्तार बढ़ाई

सोशल मीडिया पर मौजूदगी की बात करें तो लखनऊ और कानपुर के पार्षद ज्यादा मुस्तैद दिखे, लेकिन एक साल में बनारस के नेताओं ने तेजी के साथ सोशल मीडिया पर कब्जा किया है। अलबत्ता ज्यादातर पार्षदों को फेसबुक पर वक्त गुजारना अच्छा लगता है, अन्य सोशल साइड्स पर चहलकदमी में रुचि नहीं है। नेताओं ने बातचीत में बताया कि फेसबुक पर सिर्फ पार्टियों की रीति-नीति को आगे बढ़ाते हैं अथवा किसी मसले पर पार्टी का पक्ष रखते हैं। नेताओं का कहना है कि ज्यादा लिखने से परहेज रहता है, क्योंकि कुछ गलत लिख गया तो आलाकमान का गुस्सा कौन बर्दाश्त करेगा।
सबसे ज्यादा पार्षद भाजपा के, फिर भी…
प्रदेश में पार्षदों की संख्या की बात करें तो 980 पार्षदों में 304 पार्षद भाजपा के हैं। कांग्रेस के 100, सपा और बसपा समर्थक पार्षदों की संख्या 558 है। शेष निर्दलीय हैं। भाजपा की बड़ी संख्या के बावजूद अधिकतर पार्षद डिजिटल युग के साथ कदमलात नहीं कर रहे हैं। राजधानी में ही 85 प्रतिशत पार्षद ई-व्यवस्था से दूर हैं। लखनऊ की बात करें तो 110 पार्षदों में 95 फेसबुक पर तो हैं, लेकिन अन्य प्लेटफार्म से बहुत दूर। ट्वीट के ज़माने में कुल 36 पार्षद ही ट्विटर पर हैं जिनमें एक्टिव कुल 40 प्रतिशत ही हैं। गौरतलब है कि लखनऊ नगर निगम की 110 सीटों में 52 सीटों पर भाजपा का कब्ज़ा है। सर्वे के दौरान सामने आया कि डिजिटल व्यवस्था में एक्टिव महिला पार्षदों की संख्या ख़ासी कम है। अधिकतर पार्षद के पति ही उनका कार्यभार संभालते हैं।
अभय की एक सहरानीय पहल
इन डिजिटल दूरियों के बीच राजधानी के पार्षद अभय प्रताप सिंह ‘गुड्डू यादव’ अपनी वेबसाइट चलाते हैं। 222.द्दह्वस्रस्रह्व4ड्डस्रड्ड1.ष्शद्व पर उनके वार्ड से सम्बंधित समस्याओं को लिखना मुमकिन है। वेबसाइट पर दर्ज समस्या का तत्काल समाधान भी कराया जाता है।
पार्टी के बड़े चेहरे कितने एक्टिव

नरेंद्र मोदी
पार्टी- भाजपा
फेसबुक पेज- 42,509,093
ट्विटर- 35,000,000
इंस्टाग्राम- 9,800,000

राहुल गाँधी
पार्टी- कांग्रेस
फेसबुक पेज- 1,383,865
ट्विटर- 3,600,000
इंस्टाग्राम- 86600

अखिलेश यादव
पार्टी- समाजवादी पार्टी
फेसबुक पेज- 6,238,644
ट्विटर- 56,060,000
इंस्टाग्राम- 176000
महेंद्र नाथ पांडेय
पार्टी- भारतीय जनता पार्टी
फेसबुक पेज- 11,100,00
ट्विटर- 22,200
इंस्टाग्राम- 1,337

राज बब्बर
पार्टी – कांग्रेस
फेसबुक पेज- 10,99,893
ट्विटर-78,000
इंस्टाग्राम- नहीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो