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सचिवालय में शनिवार को आखिर क्यों लगी अदातल- क्या हुआ इस अदालत का फैसला

locationलखनऊPublished: Oct 13, 2018 07:24:49 pm

Submitted by:

Anil Ankur

सचिवालय पेंशनर्स के लम्बित मामलों की सुनवाई
 

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अपर मुख्य सचिव सचिवालय ने लगाई अदालत, 172 प्रकरणों पर हुई सुनवाई
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता द्वारा आज यहां तिलक हाॅल में सचिवालय केे सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लम्बित प्रकरणों के संबंध में प्रथम पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने इस अदालत में आए हुए पेंशनर्स एवं मृत पेंशनर्स के आश्रितों की शिकायतें गंभीरता से सुनी। उन्होंने पेंशनर्स के मामले लम्बी अवधि से लम्बित होने के कारण अधिकारियों से गहरा रोष व्यक्त किया तथा संबंधित अनुभागों के अधिकरियों से लम्बित पड़े मामलों को 10 से 15 दिन के भीतर निस्तारण कर भुगतान कराए जाने के सख्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि भविष्य में पेंशन सबंधित किसी भी प्रकार के पत्र यदि किसी भी अनुभाग में लम्बित पड़े होेंगे और संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उसका शीघ्र निस्तारण नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिनके अदेयता प्रमाण पत्र यदि नहीं प्राप्त हुए हैं तो उससे संबंधित देयकों को छोड़ते हुए अन्य देयकों का भुगतान शीघ्र कराना सुनिश्चित करें तथा अदेयता संबंधित प्रमाण पत्र दूसरे अनुभागों से मगांने के लिए स्वयं प्रयासरत रहें ताकि पेंशनर्स को उसका लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने कुछ मामलों को आज ही निपटाने के निर्देश दिए।
जीपीएफ भुगतान न होने की शिकायत आने पर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सेवानिवृत्त होने के 06 माह पूर्व ही GPF कटौती बंद होने पर GPF भुगतान की प्रक्रिया कर्मी के सेवानिवृत्त होने से पहले ही पूरी करें, जिससे सेवानिवृत्ति के समय कर्मी को GPF की राशि उसी दिन हस्तगत की जा सके। इसी तरह अवकाश नगदीकरण भी समय पर स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शाखा अधिष्ठान एवं लेखा अधिष्ठान के बीच ताल-मेल का अभाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने SAD-6 को भी सक्रिय होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी मनोदशा एवं मनोभावों को संवेदनशील करें और जो भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनके भुगतान संबंधी तैयारी 06 माह पूर्व ही शुरु कर दें। इस कार्य में जो भी रुकावट या संशय हो उसे उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श कर दूर करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी एवं कर्मचारी पत्रों को दबाकर न बैठें और यह न भूले की भविष्य में उन्हें भी इस स्थिति का सामना करना पड़ेगा। फाइलों को अनावश्यक रुप से इधर-ऊधर पटल पर न भेजा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन पेंशनर्स के जीपीएफ, पासबुक एवं सर्विस बुक में अंकन नहीं हुआ है, उसे 31 अक्टूबर तक पूरा कराना सुनिश्चित करें। आज की अदालत में कुल 172 प्रकरणों पर विचार किया गया।
पेंशन अदालत में सचिवालय केे विभिन्न अनुभागों से आए अधिकारी एवं कर्मचारियों ने बताया कि दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व के सचिवालय सेवा से सेवानिवृत्त/मृत अधिकारियों/कर्मचारियों के सेवानिवृत्तिक देयकों के कुल 34 प्रकरण लम्बित थे। इनमें 27 मामले ऐसे हैं जिनमें सम्बन्धित कर्मियों को आंशिक रूप से देयकों/पावनाओं का भुगतान किया जा चुका है तथा 07 कर्मी ऐसे हैं जिन्हें कुछ भी भुगतान नहीं किया गया है। इसी प्रकार दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से 31 जुलाई, 2018 तक सचिवालय सेवा के कुल 439 अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। इनमें से 301 अधिकारी/कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें समस्त सेवानिवृत्तिक देयताएं प्राप्त हो चुकी हैं एवं 138 ऐसे अधिकारी/कर्मचारी हैं जिन्हें देय पावनाओं में से आंशिक भुगतान प्राप्त हो चुका है। मात्र 06 अधिकारी/कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है।
इन कुल 172 प्रकरणें में से 13 ऐसे अधिकारी/कर्मचारी हैं जिन्हें अभी तक सेवानिवृत्तिक कोई भुगतान नहीं हुआ है। इनमें अधिकांश प्रकरण मृत कर्मचारियों के हैं जिनमें उत्तराधिकार का विवाद है। विवाद रहित प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए यदि अभिलेखों में कोई कमी है तो उनके प्रकरणों को पूरा कराने का प्रयास किया गया है।
इन 172 प्रकरणों के बारे में जो कार्यवाही की गयी है उनमें 05 अधिकारियों/कर्मचारियों को पेंशन, राशिकरण, ग्रेच्यूटी की स्वीकृति प्रदान की गयी है। 18 लोगों को अवकाश नकदीकरण स्वीकृत कर दिया गया है। ग्रुप इन्श्योरेंस के 19 प्रकरण निस्तारित किये गये। 03 कर्मियों को 90 प्रतिशत GPF का भुगतान किया गया। 07 कर्मियों को शेष 10 प्रतिशत जीपीएफ का भुगतान किया गया। 03 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को शतप्रतिशत GPF का भुगतान किया गया। शेष कर्मियों के सम्बन्ध में जो विभागीय आपत्तियाॅं थीं या कमियाॅं थीं उनके निराकरण हेतु सम्बन्धित सेवानिवृत्त कर्मियों से विवरण प्राप्त किया गया है और उन्हें भी शीघ्र निस्तारित कराया जायेगा। भविष्य में इतनी अधिक पावनाओं की इतनी अधिक देयता न लम्बित रहने पाये, इसके लिए भी आने वाली समस्याओं का चिन्हांकन कर लिया गया है। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दो-तीन दिन में जारी करा दिये जायेगें।
उल्लेखनीय है कि सचिवालय में पेंशनर्स अदालत अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन द्वारा अब समय-समय पर लगायी जाएगी। उत्तर प्रदेश सचिवालय के इतिहास में यह पेंशन अदालत पहली बार आयोजित की गयी है और भविष्य में इसे नियमित रूप से आयोजित किया जायेगा।

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