उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने इस बार सी-बिजिल ऐप लांच किया है, जिस पर शिकायतें एवं फोटो अपने मोबाइल से भेज कर दर्ज कराया सकता है। इसके अलावा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन/जनसभा आदि से सम्बन्धित व्यय की जानकारी दी जा सकेगी।
सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को आदर्श चुनाव आचार संहिता का हर हाल में पालन करना होता है। चुनावी शेड्यूल जारी होने के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती है और सभी सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद न तो केन्द्र और न ही राज्य सरकार मंत्री या अफसर नई योजना की शुरुआत या घोषणा नहीं कर सकते। सरकारी दौरों को चुनाव प्रचार के लिए नहीं इस्तेमाल कर सकते और न ही कैबिनेट की बैठक की जा सकेगी। अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले और तैनाती संबंधी मामलों में चुनाव आयोग की अनुमति ली जानी अनिवार्य है। इसके अलावा प्रत्याशी और राजनीतिक दलों को रैली करने, जुलूस निकालने, मीटिंग करने के लिए इजाजत लेनी होगी और इसकी जानकारी पुलिस को देनी होगी।