संजय सिंह के मुताबिक, हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) ने सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमान बनाये हैं, इस कंपनी के पास 70 साल से विमान बनाने का अनभुव है इसके बाबजूद केंद्र सरकार ने पुरानी प्रक्रिया को निरस्त कर 36 राफेल का टेंडर, विमान बनाने में अनुभवहीन उधोगपति अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया। आपको यह भी बताना चाहते हैं कि पूर्व की डील में एक राफेल की कीमत 540 करोड़ थी, केंद्र सरकार ने उसी राफेल को नई सिरे से 1670 करोड़ में खरीदने की डील कर ली। राफेल के मामले में फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान आ जाने से राफेल में हुए बहुत बड़े घोटाले को बल मिलता है। उन्होंने मांग की है कि –
1. 540 करोड़ का एक राफेल 1670 करोड़ का क्यों खरीदा ? 2. राफेल का टेंडर, लड़ाकू विमान बनाने का अनुभव रखने वाली कंपनी हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) के बजाय अनिल अंबानी की अनुभवहीन कंपनी को क्यों दिया गया ?
3. वायु सेना की 126 राफेल की मांग के बाबजूद मात्र 36 राफेल की क्यों डील की गई ? प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पार्टी की तरफ से सांसद संजय सिंह ने राफेल घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है जिसमें मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी गठित कर उच्चस्तरीय जाँच कराइ जाए। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी। अवध प्रांत अध्यक्ष ब्रज कुमारी ने बताया कि अवध प्रांत के सभी जिलों में राफेल घोटाले को लेकर सफल प्रदर्शन के साथ ज्ञापन दिया गया