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Aam Aadmi Party: पंचायत चुनाव के बाद अब यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा दम दिखाने को तैयार ‘आप’, जानें पूरी डीटेल

locationलखनऊPublished: Jul 22, 2021 07:37:52 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

Aam Aadmi Party in UP election 2022. पंचायत चुनावों में खुला आप का खाता. यूपी चुनाव में अब बड़े दल से गठजोड़ के प्रयास.

AAP

AAP

Aam Aadmi Party (AAP)

स्थापना- नवंबर 2012
संस्थापक- अरविंद केजरीवाल
उद्देश्य- भ्रष्टाचार हटाना, हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं देना
फोकस- दिल्ली का विकास मॉडल
संगठन- यूपी के हर जिले में संगठन तैयार

अभिषेक गुप्ता
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. पिछले एक साल से यूपी में तकरीबन हर दिन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। आप के प्रदेश प्रभारी डॉ. संजय सिंह (Sanjay Singh) की सक्रियता की वजह से यूपी में पार्टी ने अपना संगठन हर जिले में खड़ा कर लिया। यूपी में 2019 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले से आप सक्रिय है। अब 2022 के चुनाव (2022 election) पर उसका पूरा फोकस है। पंचायत चुनाव में पार्टी के नतीजों से हौसले बुलंद हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और रोजगार जैसे मुद्दों के साथ पूरी दमदारी से उतरने को तैयार है।
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पंचायत चुनावों में खुला खाता
यूपी में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी के अनुसार आप की जिला लेवल की कमेटियों के साथ विधानसभा लेवल की कमेटियां गठित हो गयी हैं। पंचायत चुनाव में आप के 83 जिला पंचायत सदस्य, 300 प्रधान और 232 बीडीसी प्रत्याशी जीते हैं। आप का दावा है यूपी के 40 लाख मतदाताओं ने वोट दिया। गोरखपुर, प्रतापगढ़, संतकबीर नगर, जौनपुर, बागपत, बरेली, मैनपुरी, लखीमपुर खीरी, महोबा जैसे जिलों में आप को जिला पंचायत चुनाव में सफलता हासिल मिली है। हालांकि यूपी में आप ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था जिसमें उसे कोई सफलता नहीं मिली।
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दिल्ली के विकास मॉडल की यूपी में चर्चा-
यूपी प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली में अन्ना आंदोलन से निकली आप की स्थापना 2012 में हुई। पार्टी संस्थापक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में अब आप दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में पहचान बना चुकी है। केजरीवाल का कहना है कि वामपंथी विचारधारा में समाधान मिले तो विचार उधार ले लेंगे। दक्षिणपंथी विचारधारा में समाधान मिले तो वहां से भी विचार उधार लेने में कोई गुरेज नहीं। पार्टी का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना है।
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दिल्ली के 12 विधायक यूपी से-
दिल्ली विधानसभा में आप के 12 विधायक यूपी से ही हैं। यही वजह है कि पार्टी यूपी में अपने जनाधार को बढ़ाने में जुटी है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हापुड़ के, मंत्री सत्येंद्र जैन बागपत के, इमरान हुसैन गाजियाबाद के और गोपाल राय मऊ के रहने वाले हैं। जबकि, खलीलाबाद बस्ती के अखिलेश त्रिपाठी, आगरा के राजेश ऋषि, गिरीश सोनी व दिनेश मोहनियां, गाजीपुर के दिलीप पांडेय, मेरठ के अमानतुल्लाह खां, मैनपुरी की प्रीति तोमर और गाजियाबाद के कुलदीप मोनू विधायक चुने गए हैं। इन विधायकों को उनके गृह जनपद मे पार्टी को सक्रिय करने की जिम्मेदारी है।
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गठबंधन के लिए संभावनाओं की तलाश-
आप सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह यूपी में गठबंधन की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हो चुकी है। हालांकि, उनका कहना है कि समय के अनुसार गठबंधन होगा। अभी पार्टी का ध्यान संगठन की मजबूती पर है।
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