उन्होंने कहा कि समान शासनादेश से यूपी और उत्तराखंड दोनों प्रदेशों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी । उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों का डिमोशन हो गया जबकि उत्तराखंड में समान शासनादेश से एक ही समय में नियुक्त शिक्षामित्र सहायक अध्यापक का वेतन पा रहे हैं । इस पर सरकार से सवाल किया है कि ऐसा क्यों है कि उत्तराखंड जैसे प्रावधान उत्तर प्रदेश में लागू नहीं हो सकते हैं । उन्होंने कहा कि योगी सरकार चाहे तो माननीय सर्वोच्य न्यायालय का समान कार्य-समान वेतन का आदेश लागू कर तत्काल शिक्षामित्रों का राहत दे सकती है लेकिन मुख्यमंत्री कमेटी गठित कर शिक्षामित्रों को उल्लू बनाओ योजना चालू करना चाहते हैं |
मुख्यमंत्री योगी ने शिक्षामित्रों की मांगों के निराकरण के लिए कमेटी गठित की है इस पर सांसद संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कमेटी गठित करना शिक्षामित्रों को उल्लू बनाओ योजना है और आन्दोलन को समाप्त करने का एक षड्यंत्र है। इससे पहले भी सरकार शिक्षामित्रों की नियुक्ति को लेकर कई वादे कर चुकी है | शिक्षामित्रों का पूरा मामला मुख्यमंत्री का समझा हुआ है इसलिय उनको फर्जी कमेटी गठित न कर शिक्षामित्रों को तत्काल सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती देनी चाहिए | शिक्षामित्रों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक उनके साथ है ।
सांसद संजय सिंह ने बताया कि जल्द ही दिल्ली में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के लिए उनसें बातचीत करूँगा और इसके बाद केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाक़ात कर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर स्थाई रूप से तत्काल नियुक्ति एवम मृत शिक्षामित्रों के परिवारों को मुआवजा देने का तत्काल प्रभाव से आदेश जारी करने की मांग करेंगे।