शून्यकाल के दौरान 69000 शिक्षक भर्ती मामला उठाने के लिए दी गई नोटिस में संजय सिंह की ओर से बताया गया कि उत्तर प्रदेश में एससी, एसटी, पिछड़े वर्ग को प्राप्त संवैधानिक आरक्षण के अधिकार का सरकार हनन कर रही है। 69000 शिक्षकों की भर्ती में एससी एसटी पिछड़े वर्ग को आरक्षण के मुताबिक जगह नहीं दी गई है। इस शिक्षक भर्ती में आरक्षण के कानून का पालन नहीं हुआ है। भारी अनियमितता हुई है। संवैधानिक मूल्यों को ताक पर रखकर कार्य किया गया है। एससी, एसटी, पिछड़े वर्ग के तमाम छात्र अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। कृपया करके सदन के अंदर मुझे उनकी आवाज को रखने का अवसर प्रदान करिए। उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना इस सदन के हर एक सदस्य की जिम्मेदारी है।
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी कई दिनों से आंदोलित हैं। अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में सभी शिकायतकर्ताओं एवं हाई कोर्ट में सभी याचियों को राहत दी जाए और इनका समायोजन किया जाए। आरोप है कि भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% का आरक्षण दिया गया है। वहीं, एससी वर्ग को भर्ती में 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण दिया गया है। इसके अलावा, अभ्यर्थियों का आरोप है कि 29 अप्रैल को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की आरक्षण घोटाले की अंतरिम रिपोर्ट को भी सरकार लागू नहीं कर रही है। इस बात को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश और नाराजगी है। मंगलवार को इसे लेकर अभ्यर्थियों ने सीएम आवास का घेराव भी किया था।