शहरों में कूड़ा एक बड़ी समस्या बन कर उबर कर सामने आया है। सड़कों पर जगह-जगह कहीं भी कूड़ा फेंक दिया जाता है। अधिकतर डंपिंग ग्राउंड्स की कमी की वजह से यह समस्या बड़ी मात्रा में सामने आई है
अब सड़कों पर कहीं भी कूड़ा फेंकने पर होगी कार्रवाई, खुद करना होगा अपने कूड़े का निस्तारण, जानिये क्या है नई व्यवस्था
लखनऊ. शहरों में कूड़ा एक बड़ी समस्या बन कर उबर कर सामने आया है। सड़कों पर जगह-जगह कहीं भी कूड़ा फेंक दिया जाता है। अधिकतर डंपिंग ग्राउंड्स की कमी की वजह से यह समस्या बड़ी मात्रा में सामने आई है। इससे सड़कें तो गंदी होती ही हैं, शहरों की खूबसूरती भी प्रभावित होती है। इसके निस्तारण को लेकर समस्या भी आ रही है। खासकर बड़े प्रतिष्ठानों से निकलने वाला कूड़ा ज्यादा परेशानी करता है। ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था दी गई है। इसके बाद भी इसका निस्तारण ठीक से नहीं किया जा रहा है। इसीलिए नगर विकास विभाग इस नियमावली को कड़ाई से लागू करने जा रहा है।
खुद करनी होगी निस्तारण की व्यवस्था शहरों में बड़े प्रतिष्ठान जैसे कि होटल, रेस्त्रां, मैरिज हॉल चलाने वाले अब सड़कों पर इधर-उधर कूड़ा नहीं फेंक पाएंगे। नगर विकास विभाग ने इसके लिए प्लान बनाया है, जिसके तहत बड़े प्रतिष्ठानों को 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में बने प्रतिष्ठानों से रोजाना 50 किलो से ज्यादा कूड़ा निकलने पर खुद इसके निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए उन्हें जरूरत के आधार पर कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट भी लगाना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी।
निजी स्कूल-कॉलेज पर भी नियम लागू निजी स्कूल-कॉलेजों, आवासीय कल्याण समितियों, उद्योगों और अन्य बड़े संस्थानों को भी अपने कूड़े का खुद ही निस्तारण करना होगा। उन्हें अपने परिसर में बायो कंपोस्ट यूनिट स्थापित करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी। नगर विकास विभाग का मानना है कि बड़े प्रतिष्ठानों के स्वयं कूड़ा निस्तारण से काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।