यह पूछे जाने पर कि उन्होंने इस भूमिका को क्यों चुना, जोशी ने कहा, "जब मैं कश्मीरी पंडितों से उनके आघात के बारे में बात कर रही थी। तो मैं उस खलनायक को समझ सकती थी, जिसे वे घूर रहे थे। फिर मैंने इस किरदार को करने और इतनी जोरदार तरीके से भूमिका निभाने का मन बना लिया कि हर भारतीय को इस किरदार से नफरत हो जाए।"
वह 'द कश्मीर फाइल्स' की बाकी टीम के साथ राजधानी में मीडिया को संबोधित कर रही थीं। माना जा रहा है कि बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका अरुंधति रॉय की भूमिका पल्लवी जोशी निभाती नजर आईं हैं। उन्हें फिल्म में यह घोषणा करते हुए सुना जाता है, "कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा है और यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। अगर इंडिया ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ सकती है तो कश्मीर क्यों नहीं? यह पूछे जाने पर कि क्या यह किरदार विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहा है। निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा रिसर्च करें और गूगल से जानकारी लें, आपको जवाब मिल जाएगा।
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