ये बात है 2013 की जब श्रीदेवी लखनऊ आई थीं। उन्होंने दुर्गा पूजा में शिरकत की थी लेकिन इस दुर्गा पूजा में उन्होंने होली के रंग भी जमाए थे। लखनऊ के फेस्टिवल मस्ती मूड में डूबीं श्रीदेवी ने यहां जमकर मस्ती की थी। इस दौरान उन्होंने सिंदूर से पीठ पर पति बोनी कपूर का नाम लिखवाया था। वो शहर के सहारा शहर पंडाल में शामिल हुई थीं।
लच्छू महाराज अवॉर्ड से किया गया था सम्मानित श्रीदेवी अपनी अदायगी के साथ-साथ नृत्य के लिए भी जानी जाती थीं। उन्हें लखनऊ में लच्छू महाराज अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जब उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जब चहकने की बजाय उनका स्वभाव काफी विनम्र और सरल था। ये बात दिल को छू लेने वाली थी। जब उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया था, तब उनके बोल थे ‘क्या मैं सचमुच लच्छू महाराज अवॉर्ड के काबिल हूं…।’ इतनी बड़ी हस्ती होने के बाद भी श्रीदेवी का स्वभाव बेहद सरल और विनम्र था।
बात सितंबर 2003 की है, जब रवीन्द्रालय दर्शकों से भरा हुआ था। कई प्रमुख लोगों की उपस्थिती में राज्यपाल विषणुकांत शास्त्री ने श्रीदेवी को उनके नृत्य के लिए लच्छू महाराज अवॉर्ड से सम्मानित किया था। सम्मान के तहत उन्हें 51 हजार रुपये सम्मान राशि और चांदी का स्मृति चिन्ह दिया गया था।
कई बार हुआ लखनऊ आना जाना श्रीदेवी का कई बार लखनऊ आना जाना हो चुका था। वो सहारा शहर आती रहती थीं। 2013 में जब उनका लखनऊ आना हुआ था, तो उन्होंने कहा था कि उन्हें यहां आ कर अच्छा लगा। यहां की संस्कृति उन्हें भा गयी थी। खुद श्रीदेवी ने कहा था कि वो ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जहां परंपरा और संस्कृति के बहुत मायने हैं।
12 मई को आने वाली थीं लखनऊ मशहूर फैशन डिजाइनर अस्मा हुसैन के फैशन इंस्टीटयूट में फैशन शो के तौर पर श्रीदेवी बेटी जाह्नवी कपूर के साथ12 मई को शामिल होने वाली थीं। लेकिन खुदा को ये मंजूर नहीं था और वे अचानक से दुनिया को अलविदा कह गयीं।