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ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का यूपी में भी दिखा असर

locationलखनऊPublished: Jul 20, 2018 03:11:02 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

सब्जियां, खाद्य सामग्री के बढ़ जाएंगे दाम, आम आदमी की कटेगी जेब।
 

Affect of transporters

ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का यूपी में भी दिखा असर

लखनऊ. ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का असर यूपी में भी देखने को मिला। ट्रकों की हड़ताल का देश के साथ ही यूपी में भी असर देखने को मिला। सड़कों पर शुक्रवार को ट्रक नहीं चल रहे थे। लखनऊ, सीतापुर, फैजाबाद, हरदोई, अंबेडकरनगर, कानपुर समेत सभी जिलों में ट्रकों के पही थम गए थे। ट्रक चालक अपनी ट्रकों को खड़ा कर हड़ताल के समर्थन में अपना पूरा सहयोग दे रहे थे। इस हड़ताल का आम लोगों पर असर दिखना तय है। एक दो दिन में सब्जियों, फलों आदि सहित कई सामानों की आवक रूक जाएगी, जिसका असर माल सप्लार्स से लेकर आम आदमी पर भी पड़ेगा। वहीं सब्जियों, रोजमर्रे की वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे।
ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर पूरे देश के ट्रांसपोर्टरों ने शुक्रवार से हड़ताल शुरू कर दी है। ट्रांसपोट्र्स ने डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर कमी और टोल मुक्तबैरियर सहित अन्य मांगों को लेकर यह अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया था। हड़ताल के दौरान किसी भी व्यापारी का सामान लोड नहीं किया जाएगा। मतलब साफ है कि इसका सीधा असर शहर के लोगों की जेबों पर पड़ता दिखेगा। ट्रक से आने वाले खाद्य सामग्री, मेडिसिन सहित रोजमर्रा की वस्तुओ का आवागमन नहीं हो पाएगा इससे लोगों की दिक्कतें बढ़ेंंगी।
यूपी सरकार को होगा करोड़ों का नुकसान

माल ढुलाई पर ट्रकों के पहिए थम जाने से यूपी सरकार को प्रतिदिन करोड़ों का नुकसान होगा। सूत्रों की मांगे तो यह हड़ताल इतनी जल्दी समाप्त होने वाली नहीं दिख रही है। सरकार भी ट्रांसपोटर््स की मांगें इतनी जल्दी मानने वाली नहीं है।
बढ़ेगी महंगाई आम लोगों पर होगा ये असर

इस समय बरसात का मौसम है। बारिश के कारण वैसे ही फल और सब्जियां महंगी हैं, अब ट्रक और बस ऑपरेटरों अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने से महंगाई और बढऩे की संभावना काफी बढ़ गई है। ट्रक हड़ताल का सीधा असर आम आदमी पर होता हैं, क्योंकि ट्रक हड़ताल से दूध-सब्जी और बाकी सामानों की सप्लाई बंद हो जाएगी। ऐसे में डिमांड बनी रहेगी और सप्लाई घट जाएगी। लिहाजा आम आदमी को इन चीजों के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे।
ये हैं ट्रांसपोर्ट्स की मांगें
-ट्रांसपोर्ट्स ने मांग की है कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
-या फिर मौजूदा समय में इन पर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए।
-टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
-थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए।
-इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44 एई में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और ई-वे बिल में संशोधन किया जाए।
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