बांदा कारागार के जेलर वी.एस. त्रिपाठी ने बताया कि बागपत जेल में सोमवार को अपने सहयोगी डॉन मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेम प्रकाश सिंह की हत्या से यहां की जेल की बैरक संख्या-15 और 16 में बंद बाहुबली बसपा विधायक और पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी काफी सहमे हुए हैं। वह दो दिन से अपनी बैरक से बाहर नहीं निकले और न ही किसी से उन्होंने मुलाकात की इच्छा जताई है। अंसारी ने दो दिन से ढंग से भोजन भी नहीं किया है।
जेल प्रशासन हालांकि उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं करना चाहता है और इसके मद्देनजर उनकी त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जेलर ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों के जरिए 24 घंटे बंदियों की हरकतों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारी खुद राजभर जाग कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। उनकी बैरक में किसी भी बंदी रक्षक को भी जाने की इजाजत नहीं है और जेल की हर बैरक में दो दिन से सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बंदियों या बैरकों से अभी तक कोई भी आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ है।
माफियाओं की नींद उड़ गई है
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी काफी सहमे हुए हैं। मुन्ना बजरंगी मुख्तार अंसारी का सहयोगी था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद अब पूर्वांचल के माफियों में एक दूसरे को लेकर संशय बने रहने की संभावना है। जिस तरह से बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई, उसके बाद जेल में अपने आप को जेल में सुरक्षित महसूस करने वाले माफियाओं की नींद उड़ गई है।
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी काफी सहमे हुए हैं। मुन्ना बजरंगी मुख्तार अंसारी का सहयोगी था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद अब पूर्वांचल के माफियों में एक दूसरे को लेकर संशय बने रहने की संभावना है। जिस तरह से बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई, उसके बाद जेल में अपने आप को जेल में सुरक्षित महसूस करने वाले माफियाओं की नींद उड़ गई है।
बतादें कि मऊ से बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में 30 मार्च 2017 को शिफ्ट किया गया था। यहीं पर उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था, उस पर भी काफी राजनीति गरमाई थी, उनको इलाज के लिए लखनऊ पीजीआई ले जाया गया था, लेकिन वहां पर डाक्टरों ने उनकी जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें स्वस्थ्य पाया था उसके बाद फिर उन्हें वापस बांदा जेल लाया गया था।