अब गाजियाबाद, वाराणसी, कानपुर और आगरा का भी जारी होगा म्युनिसिपल बॉन्ड
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से लिस्टेड हुआ लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉन्ड
- वर्ष 2018 में लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नगर निगम के बॉन्ड जारी करने की घोषणा की थी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉन्ड बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो गया है। इसी के साथ ही लखनऊ नगर निगम बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है। लखनऊ के बाद अब गाजियाबाद, वाराणसी, कानपुर और आगरा नगर निगम का भी म्युनिसिपिल बॉन्ड जारी करने की तैयारी शुरू हो गई है। मुम्बई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएसई में बेल बजाकर लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉन्ड का शुभारम्भ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में नगरीय निकायों के लिए यह नये युग की शुरुआत है। वर्ष 2018 में लखनऊ में हुए इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नगर निगम के बॉन्ड जारी करने की घोषणा की थी। लखनऊ से पहले अब तक अमरावती, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, सूरत, भोपाल, इंदौर, पुणे और हैदराबाद नगर निगम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉन्ड जारी कर चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 2000 करोड़ रुपए का अमरावती का म्युनिसिपिल बॉन्ड है। वहीं, सबसे पहले वर्ष 1998 में अहमदाबाद ने 100 करोड़ का बॉन्ड जारी किया था।
'बॉन्ड' एक तरह का साख पत्र होता है, जिसके तहत आम लोगों व संस्थाओं से धन जुटाया जाता है। निकायों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए नगर निगम के पास म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने का विकल्प है। नगर निगम को जब अपने प्रोजेक्ट पूरा करने, सड़क या स्कूल बनाने या सरकारी कामों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो वह भी बॉण्ड जारी कर सकता है। लेकिन, सेबी की गाइडलाइन पूरा करने वाले नगर निगम ही म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर सकते हैं।
वर्ष 2015 में सेबी ने शहरी निकायों के लिए म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये थे। निर्देशों के मुताबिक,
जिन नगर निगमों का नेटवर्थ लगातार पिछले तीन वित्त वर्ष तक निगेटिव नहीं रहा हो और न ही वह बीते वर्ष में डिफाल्टर रहे हैं। इसके अलावा कर्ज व घाटे की स्थिति, नगरीय विकास कर एवं अन्य टैक्स समय पर वसूलना और आय-व्यय के लेखों में पारदर्शिता आदि मानकों को पूरा करने वाले नगर निगम अपना बॉन्ड जारी कर सकते हैं।
नवम्बर से जारी हुआ था लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉण्ड
लखनऊ नगर निगम इसी वर्ष नवम्बर में 200 करोड़ रुपए का बॉन्ड जारी किया था। इस बांड इश्यू से जुटने वाली रकम को केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत एक जलापूर्ति प्रॉजेक्ट और एक हाउसिंग प्रॉजेक्ट में निवेश किया जाएगा। बीएसई से लिस्टेड होते ही लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉन्ड के जरिए 200 करोड़ रुपये जुटाए गये। शेयर मार्केट में सूचीबद्ध होने के बाद एक्सचेंज के जरिए आम क्या खास कोई भी निवेश कर सकता है। म्युनिसिपल बॉण्ड काफी सुरक्षित माने जाते हैं और इन पर भी ब्याज दर अच्छी मिल जाती है। जानकारी के मुताबिक, लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉण्ड की परिपक्वता अवधि (मैच्योरिटी) 10 वर्ष है। मतलब आपको इसमें कम से कम 10 वर्ष के लिए निवेश करना होगा। इस दौरान आपको 8.5 फीसदी की दर वार्षिक ब्याज मिलेगा। बॉन्ड पर मिल रहा रिटर्न पूरी तरह से आयकर मुक्त होता है।
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