जल दिवस पर वर्चुअल कार्यक्रम में पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसे ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए कहा कि समझौता पत्र पर हस्ताक्षर महज एक कागज पर दस्तखत भर नहीं है, बल्कि यह समूचे बुंदेलखंड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है। जल प्रबंधन के इस प्रयास से बुंदेलखंड की प्यास भी बुझेगी और प्रगति भी होगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना से शुरू हो रहा नदी जोड़ो अभियान देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक क्रांति है। इसका लाभ पीढिय़ों तक मिलता रहेगा। इसका सीधा फायदा बुंदेलखंड के 5 जिलों को होगा. जिसमें बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर और हमीरपुर जिले शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने सम्बोधन में कही ये बात
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार होना बताया है। सीएम ने कहा कि इस समझौते से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध एवं मजबूत होगी। इसके साथ ही झांसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में पेयजल हेतु 21 लाख की जनसंख्या को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के पन्ना जनपद में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जाएगा। जिससे 221 किलोमीटर लम्बी लिंक चैनल निकाली जाएगी, जो कि झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी।
केन-बेतवा परियोजना में क्या है खास
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को सिंचाई व पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु साल अगस्त-2005 में केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के मध्य केन-बेतवा नदी बेसिन के जल बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था, लेकिन बाद की सरकारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। परियोजना से उत्तर प्रदेश के जनपद-महोबा, ललितपुर, हमीरपुर, झांसी एवं बांदा में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध और सुदृढ़ की जाएगी। जनपद-झांसी, ललितपुर और महोबा के क्षेत्रों में लगभग 21 लाख जनसंख्या को पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
सिंचाई के जल की कमी होगी दूर
जनपद झांसी में लगभग 14.66 मिलियन क्यूबिक मीटर, ललितपुर में लगभग 31.98 मिलियन क्यूबिक मीटर, हमीरपुर में 2.79 मिलियन क्यूबिक मीटर और महोबा में लगभग 20.13 मिलियन क्यूबिक मीटर जल पेयजल हेतु उपलब्ध कराया जा सकेगा। परियोजना के अन्तर्गत बरियारपुर पिकप बीयर के डाउनस्ट्रीम में दो नये बैराजों का निर्माण कर, लगभग-188 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण किया जा सकेगा। जाहिर है इस परियोजना के शुरू हो जाने से बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या जो कि सिंचाई के जल की कमी थी वो दूर होगी। वहीं महोबा में पानी के टैंकों एवं उनके जलवहन प्रणाली का कार्य प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से मानसून अवधि में जल संग्रह कर, नॉन मानसून अवधि में उस जल का उपयोग किया जा सकेगा।