वरिष्ठ चिकित्सकों की सलाह है कि बुजुर्ग और सांस रोगी बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। और जब भी निकलें थ्री लेयर मास्क का जरूर इस्तेमाल करें। चिकित्सकों के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। प्रदूषण के कारण एक्यूआई का स्तर बढ़ने वातारण में ऑक्सीजन के बेहद कमी हो जाती है।
दिवाली से पहले बढ़ता एयर क्वालिटी इंडेक्स चिंता का सबब है। वायु प्रदूषण न फैले इसके लिए नगर निगम उद्योगों पर जुर्माने की कार्रवाई कर रहा है। विभाग अब तक अलग-अलग उद्योगों पर 10 लाख का जुर्माना लगा चुका है। वहीं, पराली जलाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। दीपावली पर पटाखों के कारण बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल गंभीर है। एनजीटी ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश सहित 18 राज्यों को नोटिस जारी करते हुए पटाखों की खरीद-फरोख्त पर जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि सभी संबंधित राज्य जहां हवा की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है, वे ओडिशा और राजस्थान की तरह पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा सकते हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक
– 0-50 एक्यूआई- बेहतर
– 51-100 क्यूआई- संतोषजनक
– 101-200 क्यूआई- सामान्य
– 201-300 क्यूआई- खराब
– 301-400 क्यूआई- बहुत खराब
– 401-500 क्यूआई- गंभीर