सीएम किसे बचाना चाहते हैं- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई पर चुप्पी साधकर मुख्यमंत्री आखिर किसे बचाना चाहते हैं, अब यह साफ हो गया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार आने के बाद कर्मचारियों का पैसा डीएचएफएल में फंसा है। जिसका लेखा-जोखा अब जगह-जगह से आने लगा है। 07 अक्टूबर 2017 से दिसम्बर 2018 तक 2300 करोड़ रूपया डीएचएफएल में जमा हुआ और यह भविष्य निधि का पैसा फंस गया। आखिर सरकार अपनी करतूत से कब तक बच सकती है।
सरकार ऊर्जा मंत्री को क्यों नहीं कर रही बर्खास्त- उन्होंने कहा कि एक तरफ डीएचएफएल अपनी तरफ से अपने पक्ष में एक नोट जारी करती है पर जिम्मेदारी तो सरकार की होनी चाहिए। आखिर वह इस पूरे मामले पर श्वेत पत्र जारी करने से क्यों कतरा रही है? आखिर दोषियों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तत्काल प्रभाव से ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे हैं? चेयरमैन आलोक कुमार पर इतनी मेहरबानी क्यों है? ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका जवाब सरकार के पास नहीं है।