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पीएफ घोटाले पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री से फिर पूछे 8 सवाल, कहा- खून-पसीने की कमाई है, पाई-पाई का हिसाब लेंगे

locationलखनऊPublished: Nov 18, 2019 06:17:50 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बोले- जनता के सवालों से नहीं बच सकते हैं ऊर्जा मंत्री- डीएचएफएल मामले में हज़ारों परिवारों का भविष्य दांव पर लगा है, ऊर्जा मंत्री को जबाब देना ही होगा – ऊर्जा मंत्री समेत पूरी सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है- ऊर्जा मंत्री तत्काल बर्खास्त हों, दोषियों की हो गिरफ्तारी- डीएचएफएल मामले में उठे सवालों का जबाब दें ऊर्जा मंत्री

UP Congress President Ajay Kumar Lallu

डीएचएफएल मामले में उठे सवालों का जबाब दें ऊर्जा मंत्री

लखनऊ. डीएचएफएल मामले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रेसनोट जारी कर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से आठ सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि डीएचएफएल मामले करीबी 45 हजार परिवारों का भविष्य दांव पर लगा है। मंत्री श्रीकांत शर्मा को अपने राजधर्म का पालन करते हुए सवालों का जबाब देना चाहिए। वे जनता के सवालों से नहीं बच सकते हैं। कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई है, पाई-पाई का हिसाब लेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि डीएचएफएल मामले में बार बार सवाल उठ रहा है लेकिन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा समेत पूरी सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। योगी आदित्यनाथ जबाबदेही और जिम्मेदारी लेते हुए अपने कैबिनेट से ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त करें। उन्होंने कहा कि डीएचएफएल मामले को लेकर कांग्रेस हम ऊर्जा मंत्री जी से सवाल पूछ रहे हैं। उम्मीद है कि वे हमारे सवालों जबाब देंगे।
1. उत्तर प्रदेश सरकार डीएचएफ़एल में प्रॉविडेंट फंड निवेश को लेकर जितनी भी इन्वेस्टमेंट के लिए बैठकें हुईं उनके एजेंडे और उसके सापेक्ष हुई बैठक के मिनट टू मिनट को सार्वजनिक करें, ताकि यह देखा जा सके कि एजेंडा क्या था और निर्णय क्या हुए ? निर्णयों से कौन सहमत और असहमत था। यहां यह भी जानना आवश्यक है कि एजेंडा किस तारीख़ को जारी किया गया ? बैठकें कब हुई ?
2. एजेंडा बनाने की ज़िम्मेदारी किसकी होती है ? क्या एजेंडा बनाने वाला खुद से एजेंडा तय करता है ? अजेंडा नियत करने के निर्देश मौखिक थे ? यदि मौखिक थे तो किसके थे यदि लिखित थे तो उस नोट पर किसके आदेश और दस्तखत है ?
3. 2018 में अगर डीएचएफ़एल ने प्रस्ताव दिया तो पहले कैसे निवेश हुआ? यह विसंगति कैसे? क्या पूर्व में भी कोई प्रस्ताव डीएचएफएल द्वारा दिया गया था ?

4. क्रेडिट रेटिंग के सापेक्ष निवेश किए जाने का आधार और गाइड लाइंज़ क्या है ? वित्त विभाग इस पर मौन क्यूों है?
5. Conspiracy Laws के तहत मदद करने वाले , सलाह देने वाले , अगर अप्रत्यक्ष रूप से भी शामिल है तो क्या सरकार उन पर कार्यवाही करेगी?

6. संजय अग्रवाल, आलोक कुमार, अपर्णा, विशाल चौहान की भूमिका पर सरकार स्पष्ट करे कि minutes of the meeting में यह कैसे पास कर दिया गया कि आगे की निवेश की ज़िम्मेदारी सचिव ( ट्रस्ट ) और निदेशक वित्त की सलाह / अनुमोदन पर होगा?
7. तारीख़ 24.3.17 के कार्यव्रत में निवेश को लेकर राष्ट्रीय बैंक / ट्रिपल AAA क्रेडिट रेटिंग कम्पनी में निवेश बदलकर Govt Notification 02/03/2015 के अनुसार करने का प्रस्ताव पास किया गया । यह नोटिफ़िकेशन क्या ? अखिलेश यादव के समय किया गया नोटिफ़िकेशन का आधार क्यू लिया ? क्या पूर्ववर्ती सरकार ने कोई नोटिफ़िकेशन ऐसा जारी किया तो क्यूँ ?
8. दिनांक 21.03.17 पर तत्कालीन चेयरमैन संजय अग्रवाल ने सहमति जताते हुए स्पष्ट लिखा था की बैठक अवश्य अप्रैल माह में बुला ली जाय , अप्रैल की बैठक हुई की नहीं यदि हुई तो किसकी उपस्थिति में ?
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