प्रधानमंत्री मोदी ने विवादास्पद पीएम केयर फण्ड में कई चीन की कम्पनियों द्वारा डोनेशन रिसीव किया है जबकि विवादास्पद पीएम केयर फण्ड कैग जैसी संवैधानिक संस्था द्वारा जांच की सीमा से बाहर है। यहां तक कि पीएम केयर फण्ड आरटीआई के दायरे में भी नहीं है। पीएम केयर फण्ड को दिया गया डोनेशन पूरी तरह अपारदर्शी और जवाबदेही से परे रखा गया है।
प्रधानमंत्री से इन सवालों के मांगे जवाब
1- सन 2013 में चीन के घुसपैठ की घटना के बावजूद भी प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम केयर जैसे फण्ड में चीन की कम्पनियों से पैसा क्यों रिसीव किया।
2 – क्या प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की विवादास्पद कम्पनी हुआवेई कम्पनी से 7 करोड़ रूपये रिसीव किया है?
3- क्या हुआवेई कम्पनी का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से डायरेक्ट कनेक्शन है?
4- क्या चीन की कम्पनी टिकटाॅक ने विवादास्पद पीएम केयर फण्ड में 30 करोड़ रूपये का डोनेशन दिया है?
5- क्या पेटीएम कम्पनी जिसमें 38 प्रतिशत चीन की हिस्सेदारी है उसने 100 करोड़ रूपये पीएम केयर फण्ड में दिये हैं?
6- क्या चीन की कम्पनी साउमी ने विवादस्पद पीएम केयर फण्ड में 15 करोड़ के अनुदान का वादा किया है?
7- क्या चीन की कम्पनी ओप्पो ने पीएम केयर फण्ड में 1 करोड़ का डोनेशन दिया है?
8- क्या प्रधानमंत्री मोदी ने पीएफएनआरएफ को प्राप्त डोनेशन को विवादास्पद पीएम केयर फण्ड में डायवर्ट कर दिया है? और कितने सौ करोड़ रूपये डायवर्ट किया है?
9- यदि भारत के प्रधानमंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई चीनी कम्पनियों से कई सौ करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में पीएम केयर फण्ड के लिए रिसीव किया है तो वह चीन के घुसपैठ से देश की रक्षा कैसे कर सकता है? प्रधानमंत्री मोदी को इन सब सवालों का जवाब देना चाहिए।