गर्भगृह में श्री रामलला की स्थापित होगी चल-अचल प्रतिमा दिसंबर 2023 तक मंदिर निर्माण के कार्य को पूरा करने के बाद भगवान श्री राम लला के गर्भगृह में चल और अचल प्रतिमाओं को स्थापित करने पर मंथन चल रहा है। पूर्व में हुई ट्रस्ट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि श्री रामलला की चल प्रतिमा के रूप में विराजमान किया जाएगा साथ ही एक बड़ी अचल प्रतिमा भी स्थापित करने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। प्रतिमा की स्थापना के लिए रामानंद संप्रदाय सहित देश भर से अनेक संप्रदाय के संतों के सुझाव लिए जाएंगे।
ट्रस्ट के सदस्य ने दी जानकारी राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल में जानकारी देते हुए बताया कि राम मंदिर में देशवासियों की भावना जुड़ी हैं ऐसे में सबकी भावनाओं का सम्मान रहे इसके लिए संतों की राय लेना आवश्यक माना है ट्रस्ट में पांच बड़े संत शामिल हैं। इनमें से देश के विभिन्न संस्थाओं से परामर्श के लिए दो प्रमुख संतों को जिम्मेदारी दी गई है।
कितनी बड़ी होगी श्री रामलला की अचल प्रतिमा वास्तु शास्त्र के विद्वान की मानें तो भगवान श्री रामलला बालस्वरूप में है इसलिए उन्हें बालक रूप में बैठी अवस्था में विराजमान कराना मंदिर की गरिमा के अनुरूप होगा। वहीं संतों की माने तो राम जन्मभूमि परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को रामलला का दर्शन साक्षात हो सके इसके लिए उनकी प्रतिमा को एक निर्धारित आकार में ही रखी जाएगी। जिससे श्री रामलला का दर्शन कर श्रद्धालु अपने आपको संतुष्ट कर सके।