लखनऊ

सपा कार्यालय में अखिलेश-नायडू की हुई मुलाकात, चुनाव नतीजों से पहले इस मामले पर हुई बड़ी चर्चा

आखिरी चरण के लिए थमे चुनाव प्रचार के बाद तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू गैर-भाजपा मोर्चे को एकजुट करने के लिए दिल्ली में होने वाली विपक्ष की बैठक पर जोर दे रहे हैं।

लखनऊMay 18, 2019 / 06:29 pm

Abhishek Gupta

Akhilesh Naidu

लखनऊ. आखिरी चरण के लिए थमे चुनाव प्रचार के बाद तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू गैर-भाजपा मोर्चे को एकजुट करने के लिए दिल्ली में होने वाली विपक्ष की बैठक पर जोर दे रहे हैं। इसी सिलसिले में वे शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने लखनऊ पहुंचे। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने दोनों नेताओं को यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा 23 मई को दिल्ली में बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए मनाया है। वैेसे सोनिया गांधी की मीटिंग में शामिल होने पर दोनों दलों की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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अखिलेश-नायडू में हुई वार्ता-
नायडू लखनऊ एयरपोर्ट से सीधे सपा कार्यालय पहुंचे, जहां अखिलेश यादव ने उनका स्वागत किया। लखनऊ में सपा प्रदेश मुख्यालय में उनके साथ सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी भी थे। इस दौरान नायडू और अखिलेश ने बैठक के दौरान 23 मई को आने वाले चुनावी नतीजों के बाद केंद्र में महागठबंधन की सरकार की संभावनाओं पर चर्चा की। जिसके बाद नायडू बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने उनके कार्यालय गए। सूत्रों में मानें तो कांग्रेस व अन्य गैर भाजपा दलों से नायडू समन्वय स्थापित कर सभी को दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर होने वाली बैठक में शामिल करना चाहते हैं और चुनावी परिणाम से पहले विपक्ष की एक बड़ी टीम तैयार करना चाहते हैं।
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नायडू चाहते हैं यह-
भाजपा और कांग्रेस दोनों से ही दूरी बनाकर यूपी के दो क्षत्रप दिल्ली में कांग्रेस की बुलाई गई बैठक में भाग लेने पर भी सस्पेंस बनाए हुए हैं, लेकिन नायडू चाहते हैं कि एनडीए के बहुमत कम होने की स्थिति में केंद्र में भाजपा विरोधी सरकार बनाने के लिए दोनों दलों के साथ अन्य विपक्षी दल पहले से एकजुट रहें। वैसे नायडू और अखिलेश में चुनाव के दौरान भी समन्वय देखने को मिला है।
गुलाम नमी आजाद कर चुके हैं यह इशारा-
बड़े उद्देश्य के चलते कांग्रेस ने पीएम पद में रुचि नहीं दिखाई है। इससे उन्होंने केंद्र में सरकार बनाने के कर्नाटक के मॉडल की ओर इशारा किया है। कांग्रेस नेता गुलाम नमी आजाद ने भी कई बार इस ओर इशारा किया है कि गठबंधन स्थापित करने में पीएम पद कोई बड़ी अड़चन पैदा नहीं करेगा। खुद नायडू और मायावती विपक्ष में पीएम पद के बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। और यदि भाजपा 272 का आंकड़ा छूने में नाकामयाब रहती है, तो मायावती-अखिलेश और नायडू की लखनऊ में हुई यह मीटिंग को परिणाम से पहले बड़ी तस्वीर के रूप में देखा जा सकता है।

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