script

आसान नहीं होगी अखिलेश के लिए आगे की डगर

locationलखनऊPublished: Oct 06, 2017 04:40:51 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

यहां सबसे बड़ी बात यह है कि अब अखिलेश के पास सत्ता नहीं है उन्हें सत्ता के बिना ही पार्टी को आगे ले जाना है।

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

लखनऊ. आगरा में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन से सपा अब पूरे जोश में दिख रही है। पार्टी में अब अखिलेश यादव ही सर्वोसर्वा हैं। सम्मेलन में भाजपा से लडऩे व अगले लोकसभा चुनाव में उसे रोकने का संकल्प तो लिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह लड़ाई काफी चुनौतीपूर्ण होगी। पार्टी की कमान पहले भी अखिलेश के पास थी और अब भी उन्हीं के पास है पर अब उन्हें भीतर और बाहर की चुनौतियों से जूझना होगा। एक ओर पार्टी के पास कई खुबियों वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो समाजवादियों की पुरानी विरासत है। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि अब अखिलेश के पास सत्ता नहीं है उन्हें सत्ता के बिना ही पार्टी को आगे ले जाना है।
पांच बड़ी चुनौतियां
-पार्टी को एकजुट रख कार्यकर्ताओं में उत्साह का कायम करना
-पार्टी में अब शिवपाल व उनके समर्थकों का उचित समायोजन करना या उन्हें उनके हाल पर छोड़ देना
-सपा को पिछले चुनाव के नतीजों की रोशनी में तय करना कि कांग्रेस से मिल कर चुनाव लडऩा है या अकेले
-अखिलेश यादव की पहली परीक्षा निकाय चुनाव और लोकसभा उपचुनाव में जनाधार साबित करना है।
-जया बच्चन ने दस प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की मांग रखी है।
पांच खूबियां
-अखिलेश यादव की बेदाग व आधुनिक छवि उन्हें अब राष्ट्रीय नेताओं में शुमार करती है।
-युवाओं के बीच अखिलेश काफी लोकप्रिय हैं।
-पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद, व शिवपाल के ट्वीट कर बधाई देने से अब परिवार में तल्खी कम होने का संदेश जाएगा।
-सपा को भरोसा है कि अल्पसंख्यक उसके साथ बने हुए हैं जैसा की आजम खां दावा करते हैं। मुलायम जैसा विश्वास अखिलेश को हासिल है।
-सपा के यूपी में तेवर पार्टी को बसपा के मुकाबले भाजपा के खिलाफ खड़ा करते हैं।
-अखिलेश अब सपा को दूसरे राज्यों में फैलाने के लिए व यूपी में जनाधार बढ़ाने के लिए खास रणनीति बनाएंगे।
पार्टी के पांच बड़े नेता
मुलायम सिंह यादव-सपा संरक्षक। पुरानी पीढ़ी के बचे नेता मुलायम सिंह के कारण आज अखिलेश यादव के साथ हैं।
रामगोपाल यादव-अभी पार्टी महासचिव हैं। पर अब प्रमुख महासचिव बनने की संभावना है। प्रमुख सलाहकार हैं।
आजम खां-पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरे हैं। मुलायम और अखिलेश के करीबी हैं। धारदार भाषण देकर माहौल को गरमाना इन्हे बखूबी आता है।
डिंपल यादव- कन्नौज से सांसद हैं, अखिलेश यादव की पत्नी हैं। पर्दे के पीछे से पार्टी पर पूरी निगाह रखती हैं। स्टार प्रचारक, रणनीति बनाने में दक्ष।
नरेश अग्रवाल- पार्टी के महासचिव हैं। कई सालों से राज्यसभा सांसद हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो