पूरे राज्य में सड़कों का बुरा हाल है। ढाई वर्ष में भाजपा सरकार ने पुल-पुलिया तक नहीं बनवाई हैं। BJP राज में समाजवादी सरकार के कामों के बार-बार उद्घाटन का उत्सव ही चल रहा है। आज स्थिति यह है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है हर तरफ अराजकता व्याप्त है। राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या हो रही है। पुलिस मुख्यमंत्री के ठोको निर्देश का पालन करते हुए निर्दोषों को ठोक रही है। जनता को मौका मिलता है तो वह पुलिस को ठोक देती है। लोग दहशत में जी रहे हैं। यह है ठोंको का डरावना चेहरा।
उत्तर प्रदेश के हालात पर सर्वाेच्च न्यायालय ने बहुत गंभीर टिप्पणी की है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुकी हैं, यहां जंगलराज है। भाजपा का बड़बोला नेतृृत्व लोकतंत्र की सभी मान्यताओं को ताक पर रखकर मनमानी को अपना अधिकार मानता है। BJP government की नजर में स्याह-सफेद चाहे जो हो, वही कानून है।
ध्वस्त कानून व्यवस्था से जनता जिस संत्रास से गुजर रही है, उसकी पड़ताल अब नही होगी तो कब होगी? ढाई वर्ष से BJP ने जनता का सिर्फ समय की बर्बादी की है लाखों करेाड़ के बजट का क्या हुआ? भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकलाप की पूरी जांच होनी चहिए, जनता के सामने उसके चाल चरित्र और चेहरे का सच तब सामने आ जायेगा।