ये भी पढ़ें- कमलेश तिवारी हत्या: मिठाई के डब्बे का सच आया सामने, समर्थक उतरे सड़क पर, मामले में ISIS से जुड़ी बात भी आई सामने यह था मामला- मामला साल 2015 का है और प्रदेश में सपा की सरकार थी। दिसंबर के माह उस वक्त यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर रहे आजम खां ने आरएसएस को मेंबर्स को होमोसेक्सुअल कहा था, जिसके जवाब में कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसे लेकर यूपी में माहौल बिगड़ रहा था, जिसे देख मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने कमलेश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश गे दिया था।
ये भी पढ़ें- पक्ष में आया फैसला, तब भी राम मंदिर बनने में लग जाएंगे तीन साल, इतने करोड़ की आएगी लागत कमलेश की हत्या पर सपा का आया बयान- सपा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आज स्थिति यह है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है हर तरफ अराजकता व्याप्त है। राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हत्या हो रही है। पुलिस मुख्यमंत्री जी के ठोको निर्देश का पालन करते हुए निर्दोषों को ठोक रही है। जनता को मौका मिलता है तो वह पुलिस को ठोक देती है। लोग दहशत में जी रहे हैं। यह है ठोंको का डरावना चेहरा।