इसके साथ ही अखिलेश ने ये भी मान लिया कि उनके पास अभी भाजपा की तरह संसाधन नहीं है। इसलिए उन्हें लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। जब समाजवादी पार्टी के पास जब भाजपा की तरह संसाधन उपलब्ध हो जाएंगे तभी वह गरीबों के हक की लड़ाई लड़ सकते हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी समीक्षा बैठक में कहा कि यूपी के 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद उम्मीद के अनुसार नतीजे न आने बसपा प्रमुख मायावती समाजवादी पार्टी से काफी नाराज हैं। इसलिए उन्होंने यूपी में 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में गठबंधन तोड़कर अकेले लड़ने का फैसला किया है। इसका साथ ही समीक्षा बैठक में कहा कि समाजवादी से गठबंधन करके बसपा का कोई फायदा नहीं हुआ है। यादव वोट बसपा पार्टी को नहीं मिला है, इसलिए उनका काफी नुकसान हुआ है।
जब अखिलेश यादव से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सुप्रीमों मायावती द्वारा गठबंधन तोड़ने के संकेत पर जवाब मांगा तो उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है मुझे भी लोगों के द्वारा ही गठबंधन तोड़ने की सूचना मिली है। इसका बाद इसके बाद अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जमीन पर काम होगा तभी आने वाले समय में भाजपा को हार का सामना कराया जा सकता है। अब चुनाव केवल संसाधन जुटाकर ही हो सकता है। अखिलेश की मानें तो गरीबों की लड़ाई तब हो सकती है जब भाजपा की तरह कोई संसाधन जुटा ले।