अखिलेश यादव ने इस अवसर पर दीपक कुमार पाण्डेय की पुस्तक ‘नोटबंदी एक मानव निर्मित त्रासदी‘ तथा डाॅ0 विश्राम यादव की पुस्तक ‘मध्य कालीन निर्गुण संतो की साहित्य साधन एवं अद्वैत परक संदृष्टि‘ का भी विमोचन किया।
पाण्डेय ने कहा कि नोटबंदी से आर्थिक आपातकाल की स्थिति बन गई। बैंक दिवालिया हो गए है। नोटबंदी से कालाधन, आतंकवाद, नक्सलवाद की समाप्ति के वादे थोथे साबित हुए हैं। नोटबंदी से गरीब का धन बैंक में जमा हो गया, कारपोरेट सोसायटी का पैसा नहीं आया। उत्तर प्रदेश के चुनाव जीतने में कालाधन का प्रयोग हुआ। जीएसटी में 300 संशोधन किए गए हैं। व्यापारी त्रस्त हैं। व्यापारी श्री अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी से बेकारी बढ़ी है, उद्योगधंधे बंद हुए हैं।
अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में विस्तार से बताया कि नोटबंदी ने किस तरह से पूरी भारतीय अर्थ-व्यवस्था चैपट की है। फलस्वरूप किसान आत्महत्या कर रहे हैं, नौजवान बेकारी के शिकार हैं। छोटे उद्योग धंधे और व्यापारी बर्बादी के कगार पर पहुंच गये हैं।