अखिलेश यादव ने पीएम-सीएम पर साधा निशाना, कहा- इनके कार्यक्रमों के दौरान छात्र-छात्राओं की आती है शामत
लखनऊPublished: Jan 10, 2019 07:32:51 pm
2019 में भाजपा का ओखली से बच पाना अब असंभव है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री पर साधा निशाना बोले छात्र-छात्राओं और नौजवानों की आती हैं शामत
ritesh singh लखनऊ , समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आगरा से लेकर इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी तक जब-जब भी प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होता है वहां-वहां छात्र-छात्राओं और नौजवानों की शामत आ जाती है। इनके कार्यक्रमों के पूर्व ही छात्राओं तक की गिरफ्तारी, उत्पीड़न और काला झण्डा दिखाने भर से ही यातना का दौर शुरू हो जाता है। जेलों में फर्जी केसों में फंसाया जाता है। यातनायें दी जाती हैं। इससे भाजपा सरकार का अलोकतांत्रिक चरित्र उजागर हो जाता है।
आगरा में तो कल हद हो गयी। प्रधानमंत्री की सभा के पूर्व ही न सिर्फ समाजवादी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया बल्कि गायों को लेकर जो किसान आ रहे थे, उन पर भी लाठीचार्ज किया गया। किसानों की इस समस्या से सारा देश अवगत है। सरकार द्वारा बार-बार घोषणा के बाद भी गौमाता के लिए कहीं सम्मानजनक स्थान की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। किसानों की समस्या दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। किसान पूरी-पूरी रात खेतों की रखवाली करते हैं और दिन भर छुट्टा पशुओं से फसल बचाने की मशक्कत करनी पड़ती है। किसानों की इस दयनीय स्थिति के प्रति सरकार का असंवेदनशील बने रहना घोर दुखद है।
भाजपा का रवैया शुरू से जन सरोकारों के विरूद्ध रहा है। लोकतंत्र में जनविरोधी सरकारों के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता। भाजपा सरकार को न किसान की और न नौजवानों की कोई चिंता है। कानून व्यवस्था पूरी तरह अराजकता की भेंट चढ़ चुकी है। छात्रायें डरी-सहमी और मुरझाई रहती हैं। भाजपा सरकार में दरिंदों का हौसला इतना बढ़ चला है कि आये दिन बच्चियों को भी दुष्कर्म का शिकार बना लिया जाता है। बलात्कार-हत्या की घटनाएं आये दिन घटती हैं। व्यापारियों का अपहरण और हत्या सामान्य घटनाओं में शामिल माना जाता है।
नौजवान जब नौकरी-रोजगार की बात करते हैं तो उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। एक तो भाजपा सरकार ने नौजवानों के सपनों को तोड़ दिया है और वहीं उनके साथ अवांछनीय और उपेक्षितों की तरह व्यवहार किया जाता है। भाजपा की कुनीतियों के चलते रोटी-रोजगार मिलना लगभग असंभव हो गया है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद न केवल व्यापार चौपट हो गया है कई कम्पनियों ने कर्मचारियों की छंटनी भी कर दी है। इस सबसे जनता में भारी आक्रोश है। जनविरोध ने भाजपा का सिर ओखली में पहुंचा दिया है। सन् 2019 में भाजपा का ओखली से बच पाना अब असंभव है।